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बिजली उत्पादन तीन हफ्ते के उच्च स्तर पर

Last Updated- December 12, 2022 | 1:57 AM IST

पिछले सप्ताह बिजली उत्पादन और लोगों की आवाजाही में बढ़ोतरी के साथ ही आर्थिक गतिविधियों के साप्ताहिक संकेतकों में सुधार के संकेत नजर आए। बिजली उत्पादन सालाना आधार पर तीन हफ्ते के उच्च स्तर पर रहा और यह सालाना आधार पर 2019 के स्तर से ऊपर बना हुआ है। भारतीय रेलवे ने भी 2020 के इसी हफ्ते की तुलना में पिछले हफ्ते अधिक माल ढुलाई की। लोगों की आवाजाही, सड़क पर भीड़, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसी गैस के उत्सर्जन वाले अन्य संकेतकों में भी पिछले सप्ताह तेजी देखी गई।
मॉनसून की बारिश में कमी की वजह से देश भर में तापमान में वृद्धि हुई और साप्ताहिक आधार पर बिजली उत्पादन में तेजी आई। देश में महाराष्ट्र में बिजली की खपत सबसे ज्यादा होती है, वहां खरीदारी का समय बढ़ाने की वजह से बिजली की मांग में भी तेजी आई है। भारत ने रविवार को खत्म हुए सप्ताह में सात दिन के रोलिंग औसत आधार पर 416.8 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन किया जो पिछले सप्ताह से 7 फीसदी अधिक है।

ताजा हफ्ते के आंकड़े  2019 की इसी हफ्ते की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है और 2020 में इसी सप्ताह में उत्पादन की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक है।  2019 में इसी अवधि के दौरान बिजली की मांग में गिरावट आई थी। वर्ष 2019 का इस्तेमाल इस वजह से किया जाता है क्योंकि यह कोविड-19 के भारत में दस्तक देने से पहले का साल है। पिछले हफ्ते लोगों की आवाजाही के स्तर में भी सुधार दिखा क्योंकि अधिक लोग खुदरा कामों और मनोरंजन के लिए बाहर निकले और किराना सामानों तथा दवाओं आदि की जरूरी खरीदारी की। सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल भी बढ़ा और कार्यस्थल पर जाने वालों की तादाद में भी साप्ताहिक आधार पर तेजी देखी गई। हालांकि, आवाजाही का स्तर 2019 के नीचे ही है। कार्यस्थल पर जाने वालों की 85 फीसदी तादाद पहले के स्तर पर वापस आ गई है जबकि ट्रांजिट स्टेशनों का इस्तेमाल 2019 के स्तर के 91 प्रतिशत पर है।
ये दोनों आंकड़े करीब चार महीने में सबसे ज्यादा हैं। यह सर्च इंजन गूगल के मोबिलिटी डेटा पर आधारित है जो अनाम लोकेशन डेटा के आधार पर लोगों की गतिविधियों पर नजर रखता है। आंकड़े एक अंतराल के साथ जारी किए जाते हैं और ताजा आंकड़े 28 जुलाई के हैं। 

First Published - August 11, 2021 | 12:44 AM IST

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