निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने बुधवार को कहा कि एयर इंडिया जैसी मौजूदा निजीकरण योजनाओं को पूरा करना सरकार के लिए प्राथमिकता बनी हुई है, भले ही कोविड-19 महामारी ने इस प्रक्रिया की रफ्तार धीमी कर दी है।
उद्योग संगठन फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में पांडे ने कहा, ‘रणनीतिक विनिवेश निवेशकों की दीर्घावधि प्रतिबद्घता है और इसके लिए गहरे जुड़ाव की जरूरत है। सामान्य तौर पर इसमें 8-9 महीने लगते हैं। कोविड संकट ने इस प्रक्रिया पर विराम लगा दिया है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रभावित हुई है। कुछ हद तक हमें जारी किए गए कुछ ईओआई के लिए अवधि में विस्तार देना होगा। ऐसा नहीं है कि निवेशक दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं, पर वे ज्यादा समय चाहते हैं।’
इस साल केंद्र की निजीकरण योजना में शामिल कंपनियों में एयर इंडिया, भारत पेट्रोलियम, शिपिंग कॉर्प और कॉनकोर लिमिटेड शामिल हैं। अधिकारियों द्वारा जल्द ही बीपीसीएल के लिए इच्छुक बोलीदाताओं के साथ बातचीत किए जाने की संभावना है।
एयर इंडिया के निजीकरण के बारे में पांडे ने कहा, ‘सरकार ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एयर इंडिया के ईओआई में बदलाव किया है। सीपीएसई को सही मूल्य पर बेचना जरूरी होगा और बड़े निवेश के लिए बेहतर ऑर्डर प्रवाह तैयार करना होगा जिससे कि इस तरह की बिक्री नियमित आधार पर पूरी हो सकें।’ वर्ष 2020-21 के लिए दीपम का विनिवेश लक्ष्य 2.1 लाख करोड़ रुपये का है।