वित्त वर्ष 2025 के केंद्रीय बजट में सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से विनिर्माण क्षेत्र में लगे श्रमिकों के लिए किराये के आवास बनाने की घोषणा के बाद नीति आयोग ने भूमि की लागत को छोड़कर कुल परियोजना लागत के 30 प्रतिशत तक व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वीजीएफ) का प्रस्ताव दिया है।
नीति आयोग के मुख्य कार्याधिकारी बीवीआर सुब्रमण्यन ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री ने कुछ दिन पहले मुख्य सचिवों के सम्मेलन में उल्लेख किया था कि शहरों में औद्योगिक आवास सामान्य आवास की तरह ही महत्त्वपूर्ण हैं और उसके बगैर हमारे शहर बेहतर नहीं हो सकेंगे और हमें इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है।
रिपोर्ट के गोपनीय संस्करण में इस कार्यक्रम के वित्तीय असर के बारे में उल्लेख किया गया है और उस पर वित्त मंत्रालय से बातचीत की जाएगी। अगर केंद्र सरकार वीजीएफ के माध्यम से खर्च का 30 प्रतिशत देती है, तो किराया घटकर 3100 रुपये होगा।