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RBI गवर्नर शक्तिकांत दास आज करेंगे ब्याज दरों का एलान, जानें एक्सपर्ट्स का क्या है अनुमान

एचडीएफसी बैंक में प्रमुख अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता ने कहा, ‘दिसंबर में दर में कटौती की संभावना खत्म हो गई है। फरवरी या अप्रैल में कटौती संभव है।

Last Updated- December 06, 2024 | 8:27 AM IST
Shaktikanta Das

RBI MPC MEET: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की छह सदस्यीय मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) का ब्याज दरों को लेकर आकलन और चार-विमर्श जारी है। केंद्रीय बैंक की 4 दिसंबर से शुरू हुई तीन दिवसीय बैठक का फैसला शुक्रवार (6 दिसंबर) को जारी कर दिया जाएगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास शुक्रवार, 6 दिसंबर को सुबह 10 बजे एमपीसी के फैसले की घोषणा करने वाले हैं।

आरबीआई ने अक्टूबर 2024 में अपनी पिछली बैठक में सतर्क आउटलुक अपनाते हुए रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का फैसला किया। हालांकि, भारत के हालिया जीडीपी ग्रोथ डेटा और मुद्रास्फीति के आंकड़ों समेत विभिन्न व्यापक आर्थिक संकेतकों के कारण ब्याज दरों के फैसले पर बारीकी से विचार विमर्श किया जाएगा।

GDP का कमजोर प्रदर्शन, महंगाई सीमा के पार

अक्टूबर में भारत की ग्रोस महंगाई दर 14 महीने के उच्च स्तर 6.2 प्रतिशत पर पहुंच गई और उसने मौद्रिक नीति समिति द्वारा तय 6 प्रतिशत की ऊपरी सीमा को पार कर दिया। अक्टूबर में महंगाई दर के आंकड़े सितंबर के 5.49 प्रतिशत से ऊपर हैं, जो मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 10.87 प्रतिशत रहने की वजह से हुआ है।

वहीं, जुलाई-सितंबर तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार में तेज गिरावट दर्ज की गई है। इस तिमाही में GDP विकास दर 5.4% रही, जो पिछले 7 तिमाहियों में सबसे धीमी है। यह पिछली तिमाही के 6.7% के मुकाबले काफी कम है। सकल मूल्य वर्धित (GVA) ग्रोथ भी घटकर 5.6% रह गई, जो पिछले साल इसी तिमाही में 7.7% थी।

एक्सपर्ट्स की क्या राय

एचडीएफसी बैंक में प्रमुख अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता ने कहा, ‘दिसंबर में दर में कटौती की संभावना खत्म हो गई है। फरवरी या अप्रैल में कटौती संभव है। इसका वक्त वैश्विक प्रगति, खासकर शुल्क से जुड़े फैसलों, रुपये की चाल और घरेलू महंगाई और बॉन्ड यील्ड पर निर्भर होगी।’

गुप्ता ने कहा, ‘वृद्धि में सुस्ती के संकेत के साथ अगर दूसरी छमाही में गति कमजोर बनी रहती है तो रिजर्व बैंक फरवरी में दर में कटौती पर विचार कर सकता है। बहरहाल अगर रिजर्व बैंक और देरी का विकल्प चुनता है तो यह फैसला वैश्विक वजहों से प्रभावित हो सकता है, जिसमें रुपये और बॉन्ड यील्ड पर असर शामिल है।’

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद कहा था कि समग्र महंगाई घट रही है, लेकिन सितंबर और अक्टूबर में इसमें तेजी की संभावना है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि महंगाई दर ज्यादा होने की स्थिति में दर घटाना जोखिम भरा और समय से पहले कार्रवाई हो सकती है। अक्टूबर में मौद्रिक नीति की बैठक के बाद रुख बदलकर तटस्थ किया गया था, जिससे दिसंबर में दर में कटौती के अनुमान लगाए जा रहे थे।

बैंक ऑफ अमेरिका में हेड ऑफ इंडिया ऐंड आसियान इकनॉमिक रिसर्च, राहुल बाजोरिया ने कहा, ‘हमने अपना परिदृश्य बदला है। अक्टूबर में महंगाई दर उम्मीद से ज्यादा रहने के कारण अब दिसंबर के बजाय फरवरी में दर में कटौती की संभावना जताई गई है। ’

येस बैंक में मुख्य अर्थशास्त्री इंद्रनील पान ने कहा कि दिसंबर में दर में कटौती की संभावना शून्य है। उन्होंने कहा, ‘फरवरी में हम 50:50 संभावना देख रहे हैं, लेकिन कुछ निश्चित नहीं है। अप्रैल पर दांव लगाया जा सकता है।’ सितंबर और अक्टूबर में महंगाई दर बढ़ी हुई रही है, लेकिन अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आगे चलकर महंगाई नीचे की ओर जाएगी, क्योंकि आधार का असर नजर आने लगेगा।

First Published - December 6, 2024 | 8:22 AM IST

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