RBI Monetary Policy Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अपनी पहली मॉनेटिरी पॉलिसी का शुक्रवार ( 7 फरवरी) को ऐलान किया। उन्होंने बताया कि एमपीसी ने सर्वसम्मति से रीपो रेट 0.25 फीसदी (25bps) की कटौती की है। अब रीपो रेट 6.5% से घटकर 6.25% हो गया है। पांच साल के बाद रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कटौती की है। बजट 2025 में इनकम टैक्स पर मिली राहत के बाद यह आम करदाताओं खासकर नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ी राहत है। आरबीआई के इस ऐलान के बाद जल्द ही होम लोन और ऑटो लोन ग्राहकों की ईएमआई कम होगी।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने पॉलिसी ऐलान के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम हमेशा सतर्क रहते हैं, तरलता उपलब्ध कराने में तत्पर तथा सक्रिय रहेंगे। फिलहाल हम ग्रोथ पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं क्योंकि मुद्रास्फीति कम हो गई है और आगे भी कम होती रहेगी।
बता दें, मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक 5 फरवरी, बुधवार को शुरू हुई थी, जिसमें 7 फरवरी को ब्याज दरों पर बड़ा फैसला लिया गया। यह बैठक संजय मल्होत्रा के RBI गवर्नर बनने के बाद पहली बार हुई है। उन्होंने दिसंबर 2024 में शक्तिकांत दास के कार्यकाल खत्म होने के बाद पद संभाला था।
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मुख्य घटनाएं
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने GDP ग्रोथ रेट, महंगाई (Inflation) और रुपये में लगातार जारी गिरावट (Rupee declines) पर भी अपना रुख साफ किया। GDP ग्रोथ पर गवर्नर ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के 7% की दर से आगे बढ़ने की संभावना है। वहीं रुपये में जारी गिरावट पर उन्होंने कहा कि विनिमय दर (exchange rate) को रोज-रोज नहीं देखा जा सकता है, उसे लॉन्ग टर्म में देखना चाहिए। विस्तार से पढ़ें...
क्रिसिल के चीफ इकोनॉमिस्ट डीके जोशी ने कहा कि उम्मीदों के अनुरूप रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने मई 2020 के बाद पहली बार दरों में कटौती की। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति में हाल ही में आई कमी और आर्थिक विकास को बूस्ट देने के लिए आरबीआई ने यह कदम उठाया। हालांकि, इसने नीतिगत रुख को 'तटस्थ' बनाए रखा, जो इसे डेटा पर निर्भर रहने और आपात स्थितियों का जवाब देने की फ्लैक्सिबिलिटी देता है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका में ट्रम्प प्रशासन द्वारा वैश्विक बाजारों में हलचल मचाने के साथ, उम्मीद है कि RBI तरलता और विदेशी मुद्रा प्रबंधन उपकरणों का उपयोग करने में सक्रिय होगा। टैरिफ युद्ध की शुरुआत का दुनिया भर में नीतिगत दरों में कटौती पर असर पड़ेगा। एमपीसी के कदम घरेलू मुद्रास्फीति पर अधिक निर्भर करेंगे। हमें उम्मीद है कि स्वस्थ खरीफ और रबी फसल खाद्य मुद्रास्फीति को कम करेगी और अगले वित्त वर्ष में सीपीआई मुद्रास्फीति को 4.4% तक कम कर सकती है। उम्मीद है कि एमपीसी अगले वित्त वर्ष में नीति दर में 75-100 बीपीएस की कटौती करेगी। मौसम और अमेरिकी टैरिफ नीति से होने वाले जोखिम इस पर असर डालेंगे।
आरबीआई पॉलिसी ऐलान पर एलएंडटी फाइनेंस लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर एंड सीईओ सुदीप्ता रॉय ने कहा कि आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी में आज नीतिगत दरों में 25 आधार अंकों की कटौती का निर्णय लिया गया, जो डोमेस्टिक ग्रोथ के लिए एक मजबूत पॉलिसी सपोर्ट है। पिछले हफ्ते रिकॉर्ड टैक्स कट के जरिए टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत के साथ, अब नीतिगत दरों में कटौती से अर्थव्यवस्था में क्रेडिट चैनलों को फिर से मजबूत करने में मदद मिलेगी। आरबीआई द्वारा न्यूट्रल रुख जारी रखते हुए प्रो-एक्टिव लिक्विडिटी सपोर्ट का दावा वैश्विक स्तर पर प्रतिकूलताओं को संतुलित करने और उभरती वित्तीय स्थितियों का जवाब देने के लिए अपने विकल्पों को खुला रखने के लिए एक बेहतर कदम है। हमेशा की तरह आरबीआई कंज्यूमर प्रोटेक्शन और साइबर रिस्क को कम करने पर अपना ध्यान केंद्रित करने में आगे है। फाइनेंशियल सेक्टर के लिए एक अलग डोमेन की घोषणा उस दिशा में एक स्वागत योग्य कदम है।
ब्याज दरों में कटौती से होम लोन (Home Loan) लेने वाले ग्राहकों में खुशी की लहर है। ऐसा इसलिए है क्योंकि करीब पांच वर्षों के बाद ब्याज दरों में हुई कटौती से इन लोन पर (EMI) कम होना तय माना जा रहा है। इसके अलावा, होम लोन (Home Loan) और पर्सनल लोन (Personal Loan) की मासिक किस्त में भी कमी आएगी। Car Loan EMI Calculator से जानते हैं कि अगर आपने 5 साल के लिए 5 लाख रुपये का लोन लिया है, तो आपकी ब्याज दरें घटने के बाद आपके लोन की EMI कितनी कम हो जाएगी। विस्तार से पढ़ें...
रीपो रेट घटने से होम लोन (Home Loan), कार लोन (Car Loan), पर्सनल लोन (Personal Loan) की ईएमआई (EMI) कम होना तय माना जा रहा है। आइए Home Loan EMI Calculator से जानते हैं कि अगर आपने 20 साल के लिए 30 लाख रुपये का लोन लिया है, तो आपकी ब्याज दरें घटने के बाद आपके लोन की EMI कितनी कम हो जाएगी। विस्तार से पढ़ें...
पॉलिसी ऐलान पर बेसिक होम लोन के को-फाउंडर एंड सीईओ अतुल मोंगा ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) द्वारा नीतिगत दर को 25 आधार अंकों से घटाकर 6.25% करने का निर्णय, कर्ज को ज्यादा किफायती बनाकर ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए एक रणनीतिक कदम है। फ्लोटिंग रेट लोन के तहत मौजूदा और नए दोनों तरह के लोन बायर्स को कम ब्याज दरों का लाभ मिलेगा। फिक्स्ड रेट लोन लेडिंग रेट पर रीपो रेट में कटौती का असर नहीं होगा।
पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड के हेड (फिक्स्ड इनकम) पुनीत पाल का कहना है कि आज की एमपीसी बैठक उम्मीद के मुताबिक रही, जिसमें आरबीआई ने पॉलिसी रेपो रेट में 25 बीपीएस की कटौती की और जरूरत के मुताबिक पर्याप्त लिक्विडिटी का वादा किया। पॉलिसी दरों को कम करने का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया और पॉलिसी रुख को "न्यूट्रल" पर बनाए रखने का फैसला भी सर्वसम्मति से लिया गया। पाल ने कहा, पॉलिसी से पहले बॉन्ड मार्केट को आरबीआई से रेट कट के अलावा लिक्विडिटी उपायों के मामले में थोड़ी और उम्मीद थी, लेकिन लिक्विडिटी पर कोई और उपाय न किए जाने से वे थोड़े निराश थे और पॉलिसी के बाद यील्ड में थोड़ी गिरावट आई और बेंचमार्क 10 साल के बॉन्ड यील्ड में 4-5 बीपीएस की बढ़ोतरी के साथ 6.70% पर कारोबार हुआ। मनी मार्केट यील्ड में भी 5-7 बीपीएस की बढ़ोतरी हुई। हमें उम्मीद है कि 10 साल के बेंचमार्क यील्ड की व्यापक रेंज 6.60% से 6.80% के बीच होगी।
कोटक महिंद्रा एएमसी के एमडी नीलेश शाह का कहना है, आरबीआई ने बाजार को सस्टेनेबल लिक्विडिटी का आश्वासन दिया और मुद्रास्फीति के उच्च दायरे में बने रहने के चलते दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की। मौद्रिक नीति और राजकोषीय नीति के बीच जुगलबंदी विकास के लिए सहायक होनी चाहिए और साथ ही मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना चाहिए।
रिजर्व बैंक गनर्वर संजय मल्होत्रा ने कहा कि हमें रुपये के रोजाना के उतार-चढ़ाव को नहीं देखना चाहिए, बल्कि लॉन्ग टर्म एक्सचेंज रेट पर नजर रखनी चाहिए।
नए आरबीआई गनर्वर संजय मल्होत्रा ने कहा कि बैंकों की ओर से अपने प्रोडक्ट की गलत जानकारी देकर बेचने के मामलों को काफी गंभीरता से लिया जाएगा।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, भारत निश्चित तौर पर सात प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर हासिल कर सकता है, हमें इसके लिए प्रयास करना चाहिए। मौद्रिक समीक्षा में घोषित विभिन्न अनुमानों के लिए रुपये-डॉलर की ताजा विनिमय दर पर गौर किया गया।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने पॉलिसी ऐलान के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम हमेशा सतर्क रहते हैं, तरलता उपलब्ध कराने में तत्पर तथा सक्रिय रहेंगे। फिलहाल हम ग्रोथ पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं क्योंकि मुद्रास्फीति कम हो गई है और आगे भी कम होती रहेगी।
एडलवाइस एमएफ के प्रेसिडेंट एंड CIO (फिक्स्ड इनकम) धवल दलाल का कहना है, उम्मीद के मुताबिक, MPC ने रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती करके इसे 6.25% कर दिया है। हालांकि, नीतिगत दरों पर कोई फॉर्वर्ड गाइडेंस नहीं था। रुख तटस्थ बना हुआ है। आरबीआई गवर्नर ने जरूरत पड़ने पर लिक्विडिटी सपोर्ट का वादा किया है। इसका मतलब शायद यह है कि बैंकिंग सिस्टम लिक्विडिटी Q4FY25 में एक्टिवली मैनेज की जाएगी।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (MOFSL) के चीफ इकोनॉमिस्ट निखिल गुप्ता का कहना है कि बिना किसी अतिरिक्त लिक्विडिटी उपायों के रीपो रेट में कटौती की गई। आरबीआई गवर्नर ने व्यवस्थित लिक्विडिटी स्थिति सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठाने की प्रतिबद्धता जताई। हालांकि, फिलहाल किसी नए उपाय की घोषणा नहीं की। गवर्नर ने फ्लैक्सिबल इन्फ्लेशन टारगेट स्ट्रकचर पर विचार करने की बात कही, जिसकी पिछली बार 2021 में समीक्षा की गई थी। इस पर ध्यान रखने की ज़रूरत है, लेकिन इस स्तर पर अटकलें लगाने की ज़रूरत नहीं है। गवर्नर ने नए डेटा का उपयोग करके, नाउकास्टिंग और पूर्वानुमान में सुधार करके मैक्रोइकॉनॉमिक आउटकम फ्रेमवर्क को बेहतर करने की बात कही। उन्होंने वित्त वर्ष 25 के लिए मुद्रास्फीति पूर्वानुमान 4.8% पर अपरिवर्तित रखा गया है और वित्त वर्ष 26 के लिए 4.2% तक कम होने का अनुमान है। कुल मिलाकर, पॉलिसी फैसले मोटे तौर पर उम्मीदों के अनुरूप थे।
आरबीआई गवर्नर ने बताया है कि साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए एक नया प्लेटफॉर्म ‘एफआईएन.इन’ लॉन्च किया जाएगा। इस मंच का उद्देश्य बैंकों और वित्तीय संस्थानों को साइबर अपराधों से बचाना है। इसका पंजीकरण अप्रैल 2025 से शुरू होगा।
आरबीआई ने रीपो रेट में 0.25% कटौती की घोषणा की है। ब्याज दरों में कटौती के बावजूद शेयर बाजार में कारोबार सपाट बना हुआ है। BSE Sensex 230 अंक यानी 0.30 फीसदी की गिरावट के साथ 77,827.44 के स्तर पर कारोबार करता दिखा। वहीं, NSE Nifty 66 अंक लुढ़कर 23,536.95 के लेवल पर आ गया।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने 7 फरवरी को ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट (bps) की कटौती की घोषणा की है। अब RBI की रीपो दर घटकर 6.25% हो गई है।
इस फैसले से घर खरीदने वालों को बड़ी राहत मिलेगी। होम लोन की ब्याज दरों पर RBI की रीपो रेट का सीधा असर होता है। जैसे ही ब्याज दर घटती है, होम लोन भी सस्ता हो जाता है। वहीं, ब्याज दर बढ़ने पर लोन महंगा हो जाता है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने अगले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया।
RBI गवर्नर ने वित्त वर्ष 2025 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर 4.8% रह सकती है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रीपो रेट में कटौती के साथ यह भी फैसला किया है कि मौद्रिक नीति का रुख 'न्यूट्रल' बना रहेगा। यानी न तो ब्याज दरों में तेजी से बदलाव होगा और न ही कड़ी नीति अपनाई जाएगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रीपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट (bps) की कटौती की घोषणा की है। इस फैसले से बैंकों पर लोन की लागत घटने की उम्मीद है, जिससे होम लोन और अन्य कर्ज पर ब्याज दरों में राहत मिल सकती है।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि लचीला महंगाई लक्ष्य तय करने वाली नीति देश की अर्थव्यवस्था के लिए काफी फायदेमंद रही है, खासतौर पर मुश्किल समय में। उन्होंने बताया कि आरबीआई इस नीति को और बेहतर बनाएगा और इसके लिए मजबूत मॉडल तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद विस्तार से बयान जारी करने की प्रक्रिया जारी रहेगी।
आरबीआई गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के फैसले देश के हर नागरिक की जिंदगी को प्रभावित करते हैं। उन्होंने बताया कि ये फैसले न सिर्फ कारोबारियों और अर्थशास्त्रियों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि सभी वर्गों पर इसका असर पड़ता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा की कॉन्फ्रेंस शुरू हो गई है। इस बार की बैठक में ब्याज दरों में कटौती पर खास ध्यान दिया जा रहा है।
2025 में आरबीआई की नई रेपो रेट पॉलिसी को लेकर सभी की निगाहें टिकी हैं। लाइव अपडेट्स में विशेषज्ञ इस बात की संभावना जता रहे हैं कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) कुछ राहत भरे कदम उठा सकती है।
Monetary Policy Statement by Shri Sanjay Malhotra, RBI Governor- February 07, 2025, 10 am https://t.co/mkTluoMAZX
— ReserveBankOfIndia (@RBI) February 7, 2025
अगर भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दर में 50 बेसिस पॉइंट या 0.5% की कटौती करता है, तो होम लोन का ब्याज 8.5% से घटकर 8% हो जाएगा। इसका सीधा असर आपकी EMI पर पड़ेगा। आइए देखें, अलग-अलग लोन अमाउंट पर कितना फर्क पड़ेगा:
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) समय-समय पर रीपो रेट में बदलाव करता है, जिसका सीधा असर आपकी EMI और लोन पर पड़ता है। आइए देखते हैं 2020 से अब तक के कुछ प्रमुख रीपो रेट बदलावों की जानकारी आसान हिंदी में:
2024 में बदलाव:
6 दिसंबर 2024: रीपो रेट 6.50% पर बनी रही।
18 सितंबर 2024: रीपो रेट 6.50% पर स्थिर रही।
2023 में बदलाव:
8 जून 2023: रीपो रेट 6.50% पर स्थिर।
8 फरवरी 2023: रीपो रेट 6.50% पर, 0.25% की वृद्धि।
2022 में बदलाव:
7 दिसंबर 2022: रीपो रेट 6.25%, 0.35% की बढ़ोतरी।
30 सितंबर 2022: रीपो रेट 5.90%, 0.50% की वृद्धि।
5 अगस्त 2022: रीपो रेट 5.40%, 0.50% की वृद्धि।
8 जून 2022: रीपो रेट 4.90%, 0.50% की बढ़ोतरी।
मई 2022: रीपो रेट 4.40%, 0.40% की बढ़ोतरी।
कोविड के दौरान बदलाव:
9 अक्टूबर 2020: रीपो रेट 4.00% पर स्थिर।
6 अगस्त 2020: रीपो रेट 4.00% पर स्थिर।
22 मई 2020: रीपो रेट 4.00%, 0.40% की कटौती।
27 मार्च 2020: रीपो रेट 4.40%, 0.75% की बड़ी कटौती।
2020 में अन्य बदलाव:
6 फरवरी 2020: रीपो रेट 5.15%, 0.25% की कटौती।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में इस बार नई छह सदस्यीय टीम शामिल है, जिसकी अगुवाई गवर्नर संजय मल्होत्रा कर रहे हैं। डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव ने माइकल पात्रा की जगह ली है, जो पिछले महीने रिटायर हो गए। इसके अलावा, तीन बाहरी सदस्य भी अक्टूबर से इस समिति में शामिल हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक जारी है। एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई गवर्नर मल्होत्रा 25 बेसिस पॉइंट की रीपो रेट कटौती का ऐलान कर सकते हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस कटौती चक्र में कुल 75 बेसिस पॉइंट तक की कमी हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी और अप्रैल 2025 में लगातार दो बार दरों में कटौती की उम्मीद है, जिसके बाद जून में इसे स्थिर रखा जा सकता है। अगले कटौती चरण की शुरुआत अक्टूबर 2025 से हो सकती है।
1990 बैच के आईएएस अधिकारी संजय मल्होत्रा राजस्थान कैडर से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है। इसके बाद अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर की पढ़ाई की। संजय मल्होत्रा ने डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज में सेक्रेटरी के तौर पर अपनी सेवाएं दीं और फिर डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू में शामिल हुए।
RBI की मौद्रिक नीति (MPC) की बैठक का नतीजा, विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) और वैश्विक संकेत आज शुक्रवार, 7 फरवरी 2025 को भारतीय शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे।
RBI आज प्रमुख रीपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर इसे 6.25% करने की घोषणा कर सकता है। सुबह 6:33 बजे GIFT Nifty Futures 6 पॉइंट की मामूली बढ़त के साथ 23,689 पर ट्रेड करता दिखा, जो भारतीय बाजार में सपाट से पॉजिटिव कारोबार की शुरुआत की ओर इशारा कर रहा है।
पिछले सेशन में, Sensex 213.12 अंक या 0.27% गिरकर 78,058.16 पर बंद हुआ था। वहीं, Nifty50 भी 92.95 अंक या 0.39% टूटकर 23,603.35 पर बंद हुआ।
RBI MPC की बैठक से पहले भारतीय रुपया गुरुवार को 15 पैसे गिरकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.58 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। मार्केट में RBI द्वारा संभावित रेट कट की अटकलों के चलते रुपये पर दबाव बढ़ा है। इस साल अब तक रुपया 2% से ज्यादा गिर चुका है, जबकि 2024 में USD/INR जोड़ी में लगभग 3% की गिरावट दर्ज की गई थी।
जनवरी 1, 2024 को रुपया 83.21 पर था, लेकिन अब इसकी स्थिति एशिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्राओं में से एक बन गई है।
पिछली MPC की बैठक में, पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में रीपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखा गया था। हालांकि, कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई थी, जिससे RBI ने बैंकिंग सिस्टम में 1 लाख करोड़ रुपये की लिक्विडिटी डाली। अब, 7 फरवरी के ऐलान पर सबकी नजरें टिकी हैं, जहां RBI से देश की आगे की मौद्रिक नीति दिशा को लेकर अधिक स्पष्टता मिलने की उम्मीद है।
RBI MPC Meeting Live Updates: दिसंबर में संजय मल्होत्रा ने भारतीय रिजर्व बैंक के 26वें गवर्नर के रूप में कार्यभार संभाला था। उन्होंने शक्तिकांत दास की जगह ली और उनका कार्यकाल तीन साल का है।
RBI की घोषणा और प्रेस कॉन्फ्रेंस को कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर लाइव स्ट्रीम किया जाएगा। बिज़नेस स्टैंडर्ड अपनी वेबसाइट पर लाइव-ब्लॉग के जरिए ताजा अपडेट्स उपलब्ध कराएगा। साथ ही, बिज़नेस स्टैंडर्ड का यूट्यूब चैनल भी MPC की प्रेस कॉन्फ्रेंस का प्रसारण करेगा।
RBI के आधिकारिक सोशल मीडिया चैनल्स जैसे X और यूट्यूब पर भी यह कार्यक्रम लाइव दिखाया जाएगा।
Coming up:
— ReserveBankOfIndia (@RBI) February 6, 2025
🎙️Monetary Policy Statement by #RBI Governor @GovSMalhotra
on February 07, 2025, at 10:00 am Watch live at: https://t.co/8hggoLmFRT
🎥Live telecast of the Post-Policy Press Conference at… pic.twitter.com/4OiCEzoD5R
RBI ने FY25 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 7.2% से घटाकर 6.6% कर दिया है। तीसरी तिमाही (Q3) का अनुमान 7.4% से 6.8% और चौथी तिमाही (Q4) का 7.4% से 7.2% कर दिया गया है। FY26 की पहली तिमाही में ग्रोथ 6.9% और दूसरी तिमाही में 7.3% रहने की उम्मीद है। FY25 में महंगाई का अनुमान 4.5% से बढ़ाकर 4.8% कर दिया गया है। तीसरी तिमाही में महंगाई 5.7% और चौथी तिमाही में 4.5% रहने की उम्मीद है। FY26 की पहली और दूसरी तिमाही में महंगाई क्रमशः 4.6% और 4% रहने का अनुमान है।
Reserve Bank of India (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा आज सुबह 10 बजे रेपो रेट पर बड़ा ऐलान करेंगे। इसके बाद दोपहर 12 बजे वह प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से बातचीत करेंगे। गवर्नर मल्होत्रा इस दौरान RBI की पॉलिसी के फैसले पर जानकारी देंगे और भारतीय इकॉनमी और Union Budget 2025 पर अपनी राय भी साझा करेंगे।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, मल्होत्रा आर्थिक विकास को महंगाई नियंत्रण से अधिक प्राथमिकता दे सकते हैं, जिससे दो साल में पहली बार ब्याज दर में कटौती की उम्मीद बढ़ गई है। सर्वे में शामिल ज्यादातर अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आरबीआई 25 बेसिस प्वाइंट्स (bps) की कटौती कर सकता है, जिससे रीपो रेट घटकर 6.25% हो जाएगी। कुछ विश्लेषकों का यह भी कहना है कि यह कटौती 50 बेसिस प्वाइंट्स तक भी हो सकती है।
माना जा रहा है कि आरबीआई अपनी मौद्रिक नीति में बदलाव करते हुए एक नरम रुख (accommodative stance) अपना सकता है, ताकि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके।