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आरबीआई देगा 30,307 करोड़ का अधिशेष

Last Updated- December 11, 2022 | 6:51 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) सरकार को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अधिशेष के रूप में 30,307 करोड़ रुपये हस्तांतरित करेगा। केंद्रीय बैंक ने आज अपने निदेशक मंडल की बैठक के बाद जारी बयान में यह बताया। यह धनराशि हस्तांतरित करने का फैसला आकस्मिक जोखिम बफर 5.50 फीसदी पर बनाए रखने के निर्णय के बाद लिया गया।
इस साल का अधिशेष हस्तांतरण पिछले वित्त वर्ष में केंद्रीय बैंक द्वारा हस्तांतरित धनराशि 99,126 करोड़ रुपये से काफी कम है। केंद्रीय बैंक ने कोविड के पिछले दो साल में अर्थव्यवस्था में वृद्धि तेज करने के लिए आर्थिक प्रणाली में भारी मात्रा में नकदी झोंकी है। कर्ज लेने में नरमी के कारण बैंकिंग प्रणाली में 7 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी थी। बैंकों ने अपनी अतिरिक्त नकदी आरबीआई में जमा कर दी, जिसके लिए उन्हें ब्याज मिला। लेकिन इससे केंद्रीय बैंक का मुनाफा कम हुआ है। आरबीआई ने एक बयान में कहा, ‘बोर्ड ने अप्रैल 2021 से मार्च 2023 के दौरान रिजर्व बैंक की कार्यप्र्रणाली पर भी चर्चा की और लेखा वर्ष 2021-22 के लिए रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट और खातों को मंजूरी दी। बोर्ड ने आकस्मिक जोखिम बफर 5.50 फीसदी रखने का फैसला लेते हुए लेखा वर्ष 2021-22 के लिए केंद्र सरकार को अधिशेष के रूप में 30,307 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने को मंजूरी दे दी।’
विमल जालान समिति की रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई को हमेशा अपनी बैलेंस शीट का कम कम 5.5 फीसदी आकस्मिक जोखिम बफर रखना चाहिए। पिछले साल केंद्रीय बैंक ने मार्च 2021 तक की 9 महीने की अवधि के लिए सरकार को अधिशेष के रूप में 99,126 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए थे।    
बैंक ऑफ बड़ौदा में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘इस साल सरकार ने आरबीआई, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) और अन्य सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों से लाभांश या अधिशेष के रूप में करीब 74,000 करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य तय किया है। इसका मतलब है कि पीएसबी और वित्तीय संस्थानों के लाभ का एक बड़ा हिस्सा हस्तांतरित करना होगा ताकि यह आंकड़ा अच्छा नजर आए अन्यथा सरकार यह लक्ष्य हासिल करने से चूक जाएगी।’ सबनवीस ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2022 में आरबीआई के 3.5 फीसदी की औसत लागत पर रोजाना औसतन 6 से 7 लाख करोड़ रुपये की रिवर्स रीपो नीलामियों का मतलब है कि 21,000 से 24,500 करोड़ रुपये की लागत आई है। यह धनराशि सरकार को मिलती और उसे प्राप्त होने वाला अधिशेष अधिक होता।’ हाल में सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को शेयर बाजार में सूचीबद्घ कर 20,500 करोड़ रुपये से अधिक रकम जुटाई है।  
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘आरबीआई की तरफ से सरकार को हस्तांतरित किए जाने वाले अधिशेष की राशि बजट अनुमान से थोड़ी कम नजर आ रही है। हालांकि कर प्राप्तियां बजट स्तर से काफी अधिक रहने के आसार हैं, जो कम अधिशेष हस्तांतरण के असर की भरपाई करेंगी।’ आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल ने बैठक में मौजूदा आर्थिक हालात, वैश्विक एवं घरेलू चुनौतियों और मौजूदा भूराजनीतिक घटनाक्रमों के असर की समीक्षा की।

First Published - May 21, 2022 | 12:20 AM IST

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