भारत से वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात जून महीने में 47 प्रतिशत बढ़कर 32.46 अरब डॉलर हो गया। इंजीनियरिंग के सामान, पेट्रोलियम उत्पादों, रत्न एवं आभूषण की विदेशी बाजारों में मांग के कारण यह तेजी आई है। भारत ने अप्रैल-जून के दौरान अब तक का सर्वाधिक 95 अरब डॉलर निर्यात किया है, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 85 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में हुए निर्यात की तुलना में 18 प्रतिशत ज्यादा है।
वाणिज्य विभाग ने शुक्रवार को कहा, ‘यह इसके पहले 2018-19 की पहली तिमाही में हुए पहले के निर्यात (82 अरब डॉलर) की तुलना में 16 प्रतिशत ज्यादा है और यह 2020-21 की चौथी तिमाही में हुए 90 अरब डॉलर के रिकार्ड निर्यात से भी अधिक है।’
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष के अंत तक 400 अरब डॉलर के सर्वाधिक निर्यात के एक और लक्ष्य पर काम कर रही है और मंत्रालय इस सिलसिले मेंं संबंधित साझेदारों के साथ मिलकर लक्ष्य हासिल करेगी।
उन्होंने कहा, ‘अप्रैल से जून 2021 के दौरान वाणिज्यिक वस्तुओं के एक तिमाही में 95 अरब डॉलर के सर्वाधिक निर्यात का लक्ष्य हासिल किया गया है। कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद यह लक्ष्य हासिल हुआ है। सेक्टर आधारित हस्तक्षेपों, सभी हिस्सेदारों द्वारा मिलकर काम करने और सरकार के वित्तपोषण की वजह से यह वृद्धि हासिल करने में मदद मिली है।’ उन्होंने उम्मीद जताई कि सेवाओं का निर्यात अगले 5 साल में 500 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
वाणिज्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यन ने संवाददाताओं से कहा कि महत्त्वाकांक्षी 400 अरब डॉलर का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा 2022-23 तक 500 अरब डॉलर और अगले 5 साल मेंं एक लाख करोड़ रुपये के वाणिज्यिक वस्तुओं के निर्यात का लक्ष्य हासिल करने की कवायद होगी।
सुब्रमण्यन ने यह भी कहा कि कुछ श्रम आधारित क्षेत्रों में निर्यात में तेज वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, ‘इंजीनियरिंग के सामान का निर्यात 2019-20 की पहली तिमाही से 5.2 अरब डॉलर बढ़ा है। इसी तरह चावल के निर्यात में बढ़ोतरी मई, 2020 से ही अच्छी है और 2019-20 की पहली तिमाही की तुलना में 2021-22 की पहली तिमाही में इसमें 37 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।’
भारत का निर्यात जून में 41.86 अरब डॉलर था, जो पिछले साल के समान महीने से 96.33 प्रतिशत और जून, 2019 की तुलना में 2.03 प्रतिशत ज्यादा है।