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बिजली उत्पादन, माल ढुलाई में आई कमी

Last Updated- December 12, 2022 | 12:11 AM IST

आर्थिक गतिविधियों के साप्ताहिक संकेतकों ने बिजली उत्पादन में कमी और रेल माल ढुलाई में वृद्धि के बीच कमजोरी के कुछ संकेत दिखाए। 17 अक्टूबर, 2021 को समाप्त सप्ताह के अंतिम तीन दिनों में बिजली उत्पादन में तेज गिरावट के साथ धीमी वृद्धि हुई जिसके लिए कोयले की कमी को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। यह 2019 और 2020 में इसी सप्ताह की तुलना में अधिक रहा। देश भर में बिजली संयंत्रों ने पिछले सप्ताह की तुलना में 17 अक्टूबर, 2021 को समाप्त सप्ताह के दौरान प्रति दिन औसतन लगभग 390 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन किया जो इससे पहले हफ्ते की तुलना में कम है। साल 2020 की तुलना में बिजली उत्पादन 10 प्रतिशत से अधिक था। यह संख्या 2020 में इस अवधि के दौरान बिजली उत्पादन में तेज गिरावट को दर्शाती है।
भारतीय रेलवे द्वारा की जाने वाली माल ढुलाई की मात्रा में वृद्धि कम होकर 6.1 प्रतिशत तक रह गई। पिछले सप्ताह यह 10.1 फीसदी थी। माल ढुलाई से होने वाली कमाई में वृद्धि पहले के 21.6 प्रतिशत से कम होकर 18.7 प्रतिशत हो गई।
ताजा आंकड़े 2020 में इसी अवधि की तुलना में, इस साल 17 अक्टूबर को समाप्त सात दिनों में वृद्धि दर्शाते हैं। कोयले और कोक (कोयले से उत्पादित ईंधन) में कमी की खबरों के बीच इसकी मात्रा में 27.8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
वैश्विक लोकेशन प्रौद्योगिकी कंपनी टॉमटॉम इंटरनैशनल के आंकड़े दर्शाते हैं कि ताजा सप्ताह में यातायात कम थी। मुंबई में यातायात सामान्य से 33 प्रतिशत कम हो गया जो पिछले सप्ताह सामान्य से 21 प्रतिशत कम था। नई दिल्ली में यातायात सामान्य से 22 प्रतिशत कम हो गया जो पिछले सप्ताह सामान्य से 12 प्रतिशत कम था।
बिज़नेस स्टैंडर्ड नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन का जायजा भी लेता है। इस गैस का उत्सर्जन वाहनों और औद्योगिक गतिविधियों से होता है। इस गैस का उत्सर्जन स्तर अधिक होने का अर्थ यह है कि अधिक कारखानों और उद्योगों में काम जारी है। दिल्ली का उत्सर्जन 2019 के स्तर से लगभग 18 प्रतिशत नीचे था। मुंबई के उत्सर्जन में 77 प्रतिशत की कमी है। पिछले सप्ताह की तुलना में दोनों में सुधार हुआ है।
जरूरी खरीदारी के लिए बड़ी संख्या में लोग बाहर निकल रहे हैं। सर्च इंजन गूगल लोगों की गतिविधियों से जुड़े आंकड़े पर नजर रखती है जिसके मुताबिक किराना और दवाओं के दुकानों पर जाने वालों की तादाद कोविड से पहले के स्तर से 42.7 प्रतिशत अधिक है। यह अनाम स्थान डेटा का इस्तेमाल कर लोगों की गतिविधियों पर नजर रखता है। सामान्य समय के दौर के मुकाबले फिलहाल कार्यस्थलों पर लगभग 95 प्रतिशत लोग जा रहे हैं।
गूगल डेटा एक अंतराल के साथ आता है। ताजा आंकड़े 11 अक्टूबर तक के हैं। अन्य सभी डेटा रविवार 17 अक्टूबर तक के हैं। बिज़नेस स्टैंडर्ड अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति का अंदाजा लगाने के लिए इन संकेतकों पर नजर रखता है। वृहद अर्थव्यवस्था के आधिकारिक आंकड़े अक्सर अंतराल के साथ जारी किए जाते हैं। वैश्विक स्तर पर विश्लेषक भी अर्थव्यवस्था का जायजा लेने के लिए समान संकेतकों पर नजर रख रहे हैं क्योंकि विभिन्न देशों में कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन लगाया गया था।

First Published - October 18, 2021 | 10:41 PM IST

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