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असंगठित कामगारों का पंजीकरण शुरू

Last Updated- December 12, 2022 | 1:33 AM IST

आज ई-श्रम पोर्टल शुरू होने के महज 2 घंटे के भीतर असंगठित क्षेत्र के 1,36,853 श्रमिकों का पंजीकरण हुआ। पोर्टल पर इन कामगारों के आंकड़े होंगे, जिससे केंद्र व राज्य सरकारों की कल्याणकारी योजनाएं इस तरह के हर श्रमिक को पहुंचाई जा सके। उद्योग ने कहा है कि इस कदम से कार्यबल का औपचारीकरण सुनिश्चित होगा। पोर्टल का उद्घाटन करने के बाद श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि असंगठित क्षेत्र में 38 करोड़ श्रमिक होने का अनुमान है और यह पोर्टल हर कामगार को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए शुरू किया गया है। 
श्रम एवं रोजगार सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि जल्द ही इस पोर्टल पर 3 करोड़ श्रमिक पंजीकृत हो जाएंगे। असंगठित कामगारों की संख्या को लेकर अलग-अलग अनुमान हैं। आर्थिक समीक्षा (2018-19) के मुताबिक भारत में कुल कर्मचारियों में 93 प्रतिशत असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक देश में कुल 45 करोड़ कर्मचारी हैं। इनमें से 93 प्रतिशत करीब 41.85 करोड़ होते हैं। अधिकारियों ने कहा कि सरकार का लक्ष्य असंगठित क्षेत्र के सभी कामगारों का पंजीकरण ई-श्रम पोर्टल पर करना है। पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों को दुर्घटना बीमा का लाभ दिया जाएगा। आंशिक विकलांगता पर एक लाख रुपये और स्थाई विकलांगता पर 2 लाख रुपये मिलेंगे। 

मंत्री ने कहा कि सरकार के पास असंगठित क्षेत्र के सभी कामगारों के आंकड़़े होने चाहिए, जिससे कि खासकर कोरोना जैसी स्थिति में उन्हें विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा सके। यादव ने कहा कि पंजीकरण प्रक्रिया सरल बनाई गई है, जिससे हर कर्मचारी शामिल हो सके। उन्होंने बताया कि एक मोबाइल हैंडसेट से 4 श्रमिकों का पंजीकरण हो सकता है।
उन्होंने कहा, ‘जिन श्रमिकों के पास मोबाइल नंबर नहीं है, वे नजदीकी केंद्र पर जा सकते हैं और अंगूठे का निशान देकर पंजीकरण करा सकते हैं।’ मंत्री ने कहा कि विस्थापित श्रमिक अपनी आर्थिक गतिविधियां बदलते रहते हैं, ऐसे में उनके पंजीकरण को एक एसएमएस में अद्यतन करने की सुविधा होगी। मंत्री ने कहा कि पोर्टल शुरू करने के पहले विभिन्न मजदूर संगठनों से विचार विमर्श किया गया। यूनियन के नेता जानना चाहते थे कि क्या विभिन्न क्षेत्रों की योजनाएं एक में शामिल कर दी जाएंगी। इसके जवाब में यादव ने कहा कि किसी भी योजना का विलय नहीं होगा। इस पोर्टल का मकसद असंगठित श्रमिकों के आंकड़े तैयार करना है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि योजनाओं का लाभ हर श्रमिक तक पहुंच रहा है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजित बनर्जी ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के आंकड़े तैयार करना कार्यबल को औपचारिक बनाने की दिशा में अहम कदम है। उन्होंने कहा, ‘अगर इसे श्रम सुधारोंं से जोड़कर देखें यह कदम देश के श्रम वातावरण में एक महत्त्वपूर्ण मोड़ है।’

यादव ने जोर दिया कि योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए सहकारी संघवाद अहम है। सचिव ने कहा कि राज्यों के साथ आंकड़े साझा किए जाएंगे। इस पोर्टल के लिए 5 साल का 704 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के हर तरह के कामगारों का आंकड़ा होगा। इनमें कई तरह का विस्थापित श्रम बल जैसे रेहड़ी वाले, घरेलू कामगार आदि शामिल होंगे। पोर्टल पर गिग व प्लेटफॉर्म पर काम करने वालों के भी आंकड़े होंगे। इस प्रक्रिया के तहत श्रमिकों को ई-श्रम कार्ड जारी किया जाएगा, जिस पर 12 अंक का यूनीक नंबर होगा।

First Published - August 26, 2021 | 10:23 PM IST

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