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अग्रिम कर संग्रह बढऩे से मिली राहत

Last Updated- December 15, 2022 | 1:49 AM IST

मंगलवार को अग्रिम कर भुगतानों की दूसरी किस्त आने पर प्रत्यक्ष कर संग्रह में आ रही गिरावट को थामने में मदद मिली है। अग्रिम कर में हो रहे इजाफे को दूसरी तिमाही में कुछ निश्चित क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों में धीरे-धीरे हो रहे सुधार के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। 15 सितंबर को प्रत्यक्ष कर संग्रह में आ रही गिरावट सालाना आधार पर 22.6 फीसदी रही जो 2 सितंबर तक 30 फीसदी पर थी।    
सकल कर संग्रह में गिरावट कम होकर 16 फीसदी रह गई जो करीब एक पखवाड़े पहले 21 फीसदी पर थी।
भले ही अग्रिम कर भुगतान की दूसरी किस्त की समय सीमा मंगलवार को समाप्त हो गई, इसका अंतिम आंकड़ा अभी बैंकों से आना बाकी है। बैंकों को अभी बाद के घंटों में मिले भुगतान का अद्यतन करना है। अंतिम आंकड़े आने पर प्रत्यक्ष कर संग्रह में आई कमी कुछ और घट सकती है।   
15 सितंबर को शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 2.53 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 3.27 लाख करोड़ रुपये रहा था। यह जानकारी एक सरकारी अधिकारी की ओर से दिए गए अस्थाई आंकड़ों के आधार पर है। इस वर्ष रिफंड मामूली बढ़कर 1.04 लाख करोड़ रुपये जो पिछले वर्ष 1.01 लाख करोड़ रुपये  रहा था।
अग्रिम कर का मतलब है धन कमाने के ऐन वक्त पर कर का भुगतान करना है। इस व्यवस्था में कर भुगतान के लिए वित्त वर्ष समाप्त होने का इंतजार नहीं किया जाता है। अग्रिम कर की वसूली से अर्थव्यवस्था के मिजाज का पता लगता है।  अग्रिम कर की पहली किस्त में 15 प्रतिशत का भुगतान 15 जून तक किया जाता है, 30 प्रतिशत वाली दूसरी किस्त का भुगतान 15 सितंबर तक किया जाता है, 30 प्रतिशत की तीसरी किस्त का भुगतान 15 दिसंबर तक किया जाता है और बाकी 25 फीसदी कर का भुगतान 15 मार्च तक किया जाता है।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘ये अस्थाई आंकड़े हैं और 1 दिन बाद जब बैंक अंतिम आंकड़ों का अद्यतन कर लेंगे तब इसमें संशोधन होने की उम्मीद है। निश्चित तौर पर समग्र आंकड़े रुझान में मामूली सुधार की ओर इंगित करते हैं क्योंकि दूसरी तिमाही में लॉकडाउन में ढील दिए जाने की प्रक्रिया तेज होने से आर्थिक गतिविधियों में सुधार देखी गई थी।’
उन्होंने कहा बेंगलूरु लगातार इस रुझान में अग्रणी बना हुआ है और कर संग्रह में सकारात्मक वृद्धि दर्ज कर रहा है।  
देश का सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र बेंगलूरु ने प्रत्यक्ष कर संग्रह में 10 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। सितंबर के मध्य में यह 41,000 करोड़ रुपये रहा जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 37,000 करोड़ रुपये रहा था।  
अधिकारी ने कहा, ‘ज्यादातर आईटी कंपनियों ने  कोविड के कारण हुए लॉकडाउन से फायदा उठाया है, क्योंकि ऑनलाइन लेन देन बढ़ा है। इसके अलावा वर्क फ्रॉम होम के कारण उनका कामकाज प्रभावित नहीं हुआ है। कमोवेश आईटी कंपनियों को विदेशी ग्राहकों से ज्यादा काम मिला है, जिन्होंने अपनी कमाई का विविधीकरण किया है।’ मुंबई में प्रत्यक्ष कर संग्रह में 13.9 प्रतिशत की कमी आई है और यह 15 सितंबर तक 75,000 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 86,000 करोड़ रुपये था। दिल्ली और चेन्नई में क्रमश: 33 प्रतिशत और 37 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है।

First Published - September 17, 2020 | 12:26 AM IST

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