केंद्र सरकार वस्तु एवं सेवा कर के साथ साथ आयकर के लिए अनुपालन समयसीमा में विस्तार के जरिये कारोबारियों को राहत देने की मांग वाले प्रस्तावों की जांच कर रही है। भारत अब तक के सबसे बड़े कोविड-19 संकट से जूझ रहा है ऐसे में सरकार को विभिन्न उद्योंगों से अनुरोध प्राप्त हुए हैं जिसमें सूक्ष्म, छोटे और मध्य उद्यम भी शामिल हैं। ये तीन महीने की मोहलत चाहते हैं।
एक सरकारी अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘हमें कई सारे प्रतिवेदन प्राप्त हुए हैं।…ये वास्तविक चिंताएं हैं और इने उचित तरीके से निपटाया जाएगा।’
दिल्ली ने 26 अप्रैल तक एक हफ्ते के कफ्र्यू की घोषणा की थी जबकि मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य शहरों में लोगों की आवाजाही पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं। कर्नाटक और मध्य प्रदेश ऐसे बड़े राज्य हैं जहां रात्रि कफ्र्यू लगाया गया है।
जीएसटी की बात करें तो मार्च महीने के लिए मासिक सारांश रिटन्र्स और तिमाही सारांश रिटन्र्स क्रमश: 20 अप्रैल और 22 अप्रैल के लिए निर्धारित हैं। जीएसटीआर4 के लिए समयसीमा 30 अप्रैल है। इस रिटर्न को कंपोजीशन योजना का विकल्प चुनने वाले भरते हैं। आयकर के लिए अनुपालन अप्रैल और मई में पड़ता है जिसमें वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही के लिए स्रोत पर कर कटौती, टीडीएस/ टीसीएस, विशिष्ट वित्तीय लेनदेनों की फाइलिंग, एलएलपी वार्षिक रिटन्र्स आदि शामिल हैं। इसके साथ ही अग्रिम कर की पहली किस्त 15 जून तक चुकानी होगी। विशेषज्ञों ने इंगित किया कि यदि समयसीमा आगे नहीं बढ़ाई जाती है तो छोटे व मध्यम उद्यमों को सबसे अधिक झटका लगेगा।