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Retail Credit: खुदरा ऋण में तेजी के कारण नहीं बना दबाव

भारत की अर्थव्यवस्था में खुदरा ऋण की वृद्धि में तेजी आई है।

Last Updated- January 24, 2024 | 10:41 PM IST
वास्तविक ब्याज दर रहनी चाहिए 1 से 2 प्रतिशत के बीच, The actual interest rate should remain between 1 to 2 percent

ऋण प्रवाह में हाल में आई तेजी की वजह से खुदरा ऋण सेग्मेंट में कोई दबाव नहीं आया है, हालांकि असुरक्षित ऋण के कुछ उपक्षेत्रों में कमजोरी के संकेत मिल रहे हैं।

हालांकि वित्तीय सेवा प्रदाताओं को इस पर नजदीकी से नजर रखने और वित्तीय स्थिरता के लिए रिजर्व बैंक द्वारा उठाए गए कदमों पर बने रहने की जरूरत है। भारतीय रिजर्व बैंक के कर्मचारियों द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।

भारत की अर्थव्यवस्था में खुदरा ऋण की वृद्धि में तेजी आई है। ऋण में वृद्धि बेहतर वित्तीय सेहत के साथ कई क्षेत्रों के उपभोक्ताओं की ओर से हो रही है।

‘डायनामिक्स ऑफ क्रेडिट ग्रोथ इन रिटेल सेग्मेंटः रिस्क ऐंड स्टेबिलिटी कंसर्न’ नाम से आए अध्ययन के मुताबिक कोविड-19 के पहले की तुलना में कोविड-19 के बाद की अवधि में खुदरा ऋण में बेहतर वृद्धि हुई है। वहीं ऋण में वृद्धि के विपरीत कोविड-19 के बाद की अवधि के दौरान दबाव का स्तर कम हुआ है, जैसा कि सकल गैर निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) के अनुपात और चूक के अनुपात से पता चलता है।

हालांकि क्रेडिट कार्ड और वाहन ऋण पोर्टफोलियो में दबाव में मध्यम, लेकिन सांख्यिकीय रूप से महत्त्वपूर्ण वृद्धि दर्ज हुई है। जनवरी 2024 के आरबीआई के बुलेटिन में छपे एक अध्ययन के मुताबिक बैंकों व अन्य वित्तीय सेवा प्रदाताओं को किसी तरह के दबाव पर लगातार नजर रखने की जरूरत है।

First Published - January 24, 2024 | 10:41 PM IST

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