देश में खाने-पीने की चीजों के की कीमतों में थोड़ी नरमी और विशेषकर टमाटर के भाव वापस सामान्य होने के साथ अगस्त 2023 में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) पर आधारित रिटेल मुद्रास्फीति (Retail Inflation) की दर नरम होकर 6.83 प्रतिशत पर आ गई। यह इस साल जुलाई में 7.44 प्रतिशत पर थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की तरफ से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, महंगाई में नरमी का मुख्य कारण अगस्त महीने में सब्जियों और खासकर टमाटर की कीमतों का वापस सामान्य होना है।
आंकड़ों के अनुसार, रिटेल मुद्रास्फीति के साथ अगस्त में खाद्य मुद्रास्फीति भी जुलाई में 11.51 प्रतिशत से स्तर घटकर 9.94 प्रतिशत पर आ गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2023-24 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति के 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
इसके अलावा अगस्त में ग्रामीण मुद्रास्फीति 7.02 प्रतिशत के उच्च स्तर पर थी, जबकि शहरी मुद्रास्फीति 6.59 प्रतिशत थी।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री-हेड रिसर्च एंड आउटरीच अदिति नायर ने कहा, “थोड़ी सी राहत दिखाते हुए सीपीआई-आधारित मुद्रास्फीति अगस्त 2023 में 7 प्रतिशत के स्तर से नीचे आकर उम्मीद से कम 6.8 प्रतिशत पर आ गई। इसे सब्जियों, कपड़ो, जूते, आवास और विविध वस्तुओं के कीमतों में नरमी से काफी हद तक मदद मिली।”
उन्होंने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि सितंबर 2023 में सीपीआई मुद्रास्फीति 5.3 से 5.5 प्रतिशत की सीमा में रह सकती है। यह चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में औसतन 6.6 प्रतिशत रहेगी, जो इस तिमाही के लिए एमपीसी के अगस्त 2023 के पूर्वानुमान से काफी ऊपर है। हमें उम्मीद है कि एमपीसी अक्टूबर 2023 में होल्ड पर रहेगी, जबकि खाद्य मुद्रास्फीति और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के लिए बादल छाए रहने के परिदृश्य के बीच सावधानी बरतनी जारी रहेगी।”