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राजस्व साझा करने की व्यवस्था बहाल

Last Updated- December 11, 2022 | 7:32 PM IST

अदाणी के मुंबई इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (मायल) ने राजस्व का भुगतान बहाल करने के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के साथ समझौता किया है।
सरकारी एयरपोर्ट ऑपरेटर इस समय दिल्ली इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के साथ भी राजस्व साझा करने के लिए अंतिम स्तर की बातचीत कर रहा है। इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि डायल के साथ राजस्व साझा करने की व्यवस्था अगले महीने की शुरुआत से लागू हो सकती है। मायल ने जनवरी-मार्च तिमाही के लिए राजस्व साझा व्यवस्था के तहत करीब 650 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
राजस्व साझा करने की व्यवस्था बहाल किए जाने से एएआई वित्तीय स्थिति में सुधार होगा क्योंकि उसके कुल सालाना राजस्व में इसकी हिस्सेदारी करीब 30 फीसदी है। यह व्यवस्था लागू किए जाने के बाद एएआई को पहली बार वित्त वर्ष 21 में 2,948 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। इस सिलसिले में जानकारी मांगे जाने पर डायल और मायल ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। 2006 में निजीकरण के दौरान एएआई और देश के दो सबसे बड़े निजी क्षेत्र के ऑपरेटरों के बीच हुए समझौते के मुताबिक मायल और डायल को अपने राजस्व के एक हिस्से का भुगतान प्राधिकरण को करना पड़ता है। डायल 45.99 फीसदी राजस्व एएआई को देता है, जबकि मायल 38.7 फीसदी राजस्व एएआई को शुल्क के रूप में भुगतान करता है। यह एएआई के कुल राजस्व का बड़ा हिस्सा है, जो इसे देश के कुछ लाभ वाली सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों की श्रेणी में खड़ा करता है। सरकार के एएआई के साथ राजस्व साझा करने के समझौते को रद्द करने के लिए डायल और मायल दोनों ने फोर्स मेजर का सहारा लिया था, क्योंकि कोविड-19 महामारी यात्रियों की आवाजाही प्रभावित कर रही थी, जिसकी वजह से इनका राजस्व बुरी तरह प्रभावित हुआ था।
एएआई ने फोर्स मेजर लागू करने को संज्ञान में लेने से मना कर दिया और इसके बदले उसने 3 महीने की माफी की पेशकश की। उसके बाद दोनों हवाईअड्डों ने दिल्ली उच्च न्यायालय की शरण ली और कहा कि महामारी का असर कम करने के लिए लॉकडाउन की घोषणा होने से उनका परिचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
न्यायालय ने हवाईअड्डों को राजस्व साझा करने की व्यवस्था रोकने की अनुमति दे दी और सभी तीनों पक्षों से कहा कि वह विवाद निपटान के लिए पंचाट का सहारा लें। चल रहे विवाद के कारण एएआई की राजस्व साझा व्यवस्था से आमदनी करीब 66 फीसदी गिर गई, जैसी कि उम्मीद थी।
सूत्रों ने कहा कि पंचाट का काम जारी रहा, वहीं राजस्व साझा करने की व्यवस्था बहाल करने को लेकर भी चर्चा चलती रही। इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, मायल के साथ राजस्व साझा करने के भुगतान की व्यवस्था को लेकर एक व्यवस्था की गई है, जो पहले की तिमाही से लागू होगी। वहीं पंचाट पर चर्चा जारी रहेगी और तार्किक कदम उठ सकते हैं। डायल के साथ इसी तरह की बातचीत अभी चल रही है। इस साल अक्टूबर तक पंचाट का अंतिम परिणाम आ सकता है। राजस्व भुगतान की व्यवस्था बहाल करने की प्राथमिक वजह हवाई यात्रियों की संख्या बहाल होना है, जिससे दोनों हवाईअड्डों को कमाई बढ़ाने में मदद मिली है। एएआई के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली एयरपोर्ट पर पिछले साल के समान महीने की तुलना में मार्च में आने वाले यात्रियों की संख्या 49 फीसदी बढ़ी है। मुंबई में वृद्धि औऱ बेहतर रही है। मार्च 2022 में मुंबई हवाईअड्डे पर आने वाले यात्रियों की संख्या मार्च 2021 की तुलना में 91.6 फीसदी बढ़ी है। पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय यात्राएं खुलने के बाद से यात्रियों की संख्या और बढ़ेगी।

First Published - April 26, 2022 | 1:10 AM IST

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