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प्रतिभूति लेनदेन कर संग्रह पहुंचेगा लक्ष्य के पार

Last Updated- December 12, 2022 | 12:46 AM IST

प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) संग्रह सितंबर महीने में ही समूचे वित्त वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य के पार जा सकता है। ऐसा स्टॉक मार्केट में खुदरा भागीदारी में इजाफा होने के कारण से हो रहा है।
16 सितंबर को एसटीटी संग्रह 12,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जबकि बजट में लक्ष्य 12,500 करोड़ रुपये के संग्रह का था। सच्चाई यह है कि इस वर्ष एसटीटी कर संग्रह में पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 50 फीसदी का इजाफा हुआ है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 8,000 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ था। कोविड से पूर्व 2019-20 की समान अवधि में एसटीटी कर संग्रह 6,000 करोड़ रुपये रहा था।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘बाजार में जबरदस्त तेजी है और आर्थिक रिकवरी को लेकर सकारात्मक धारणा के कारण उम्मीद से बेहतर राजस्व प्राप्त हो रहा है। बैड बैंक, दूरसंचार उद्योग के लिए राहत पैकेज और वाहन क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन योजनाओं का सकारात्मक असर पड़ रहा है।’    
एसटीटी एक प्रत्यक्ष कर है जो किसी स्टॉक एक्सचेंज के जरिये होने होने वाले कर योग्य प्रतिभूति लेनदेनों के मूल्य पर देय होता है। यह डिलीवरी आधारित इक्विटी लेनदेनों के लिए कुल कारोबार का 0.1 फीसदी वसूला जाता है जबकि एकदिनी लेनदेनों के लिए खरीद के लिए एसटीटी शून्य है और बिक्री के लिए कारोबार का 0.025 फीसदी है।
एसटीटी संग्रह में यह उछाल बड़ी मात्रा में निगम कर और व्यक्तिग आयकर संग्रह के अनुकूल ही नजर आता है।
प्रत्यक्ष कर संग्रह, रिफंडों की कुल मात्रा 16 सितंबर तक 5.66 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया जबकि पिछले वर्ष अग्रिम कर की दूसरी किस्त के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 3.28 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस वर्ष अब तक हुई प्रत्यक्ष कर वसूली चालू वित्त वर्ष के लिए बजट में अनुमानित 11.08 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर राजस्व की करीब आधी रकम है। सच्चाई यह है कि चालू वित्त वर्ष में संग्रह कोविड से पूर्व के वर्ष 2019-20 की समान अवधि के मुकाबले 28 फीसदी अधिक है।      
एक अधिकारी ने कहा कि बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य, फार्मा, व्यापार, रसायन, उर्वरक और लॉजिस्टिक जैसे क्षेत्रों का उच्च राजस्व में योगदान है।
पिछले वर्ष प्रत्यक्ष कर संग्रह 9.47 लाख करोड़ रुपये रहा था जो कि उससे पिछले वर्ष के मुकाबले 9.7 फीसदी कम था। इसके लिए महामारी के असर को जिम्मेदार बताया गया था। हालांकि संशोधित अनुमान बढ़कर 9.05 लाख करोड़ रुपये हो गया था।
विशेषज्ञों ने एसटीटी संग्रह में वृद्घि के लिए स्टॉक मार्केट में खुदरा भागीदारी में वृद्घि को जिम्मेदार बताया है। खुदरा भागीदार वे होते हैं जिनकी शेयरधारिता मूल्य 2 लाख रुपये तक होती है।
एएमआरजी एसोसिएट्स में पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि उच्च एसटीटी संग्रह आईटी और फार्मा कंपनियों की अगुआई में शेयर बाजार में उछाल की वजह से है।
मोहन ने कहा, ‘एफआईआई के साथ साथ घरेलू निवेशकों की ओर से लेनदेन की संख्या में वृद्घि हुई है जिसके कारण एसटीटी संग्रह में सुधार आया है। इसके अलावा बाजार विशेषज्ञ मानते हैं कि मुद्रा संचलन में वृद्घि होने और ब्याज दर के कम रहने से शेयर बाजारों में तेजी बरकरार रहेगी।’
नांगिया एंडरसन इंडिया के चेयरमैन राकेश नांगिया ने कहा कि पूंजी बाजार में सभी वर्ग के निवेशकों द्वारा बढ़ चढ़ कर फंड का निवेश किया जा रहा है जिसके कारण एसटीटी के संग्रह में उछाल आ रही है और यह रुझान आगे जारी रहने वाला है। सरकार का एसटीटी संग्रह इस वर्ष दोगुना हो सकता है।
नांगिया ने कहा, ‘प्रत्यक्ष करों में मात्रात्मक वृद्घि आर्थिक गतिविधि के दोबारा से पटरी पर लौटने और कुछ क्षेत्रों में दो अंक की वृद्घि की वजह से है।’

First Published - September 24, 2021 | 11:25 PM IST

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