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दशक की ऊंचाई पर सेवा गतिविधियां

Last Updated- December 11, 2022 | 11:47 PM IST

देश में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में अक्टूबर के दौरान खासी तेजी आई है। कच्चे माल में तेजी के कारण कंपनियों द्वारा उत्पादों के दाम बढ़ाए जाने के बावजूद अक्टूबर में सेवा क्षेत्र की गतिविधियां साढ़े दस साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। सेवा क्षेत्र का आईएचएस मार्किट परचेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआई) इस दौरान बढ़कर 58.4 पर पहुंच गया, जो सितंबर में 55.2 पर था। सूचकांक में वृद्घि इस बात का स्पष्ट संकेत है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में उच्च आर्थिक वृद्घि दर्ज की जा सकती है। इसके साथ ही सेवा क्षेत्र की कंपनियों ने भी कोविड के पूर्व स्तर के बराबर नौकरियां दी हैं।
विनिर्माण और सेवा दोनों क्षेत्रों के पीएमआई आंकड़े अक्टूबर में अब तक आए वृहद आर्थिक आंकड़ों में महत्त्वपूर्ण हैं। हालांकि अक्टूबर में वस्तु एवं सेवा कर संग्रह भी 1.3 लाख करोड़ रुपये रहा, लेकिन यह कर संग्रह वास्तव में सितंबर महीने के लेनदेन से जुड़ा होता है। पीएमआई सेवा सर्वेक्षण के प्रतिभागियों के अनुसार मांग में मौजूदा सुधार से बिक्री बढ़ी है, जिससे उत्पादन में भी इजाफा हुआ है। नए काम में जुलाई 2011 के बाद से सबसे ज्यादा तेजी आई है।
कंपनियों ने कहा कि बेहतर मांग और सफल मार्केटिंग से उनकी बिक्री बढ़ी है। सेवा के लिए ज्यादा शुल्क वसूलने के बावजूद कंपनियों को अच्छे ऑर्डर मिले हैं। सेवा के मूल्य में जुलाई 2017 के बाद से सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है। बढ़ी हुई लागत का भार सेवा क्षेत्र की कंपनियों ने अपनेे ग्राहकों पर डाला है।
हालांकि कंपनियां मुद्रास्फीति के दबाव को लेकर चिंतित हैं क्योंकि इससे सुधार पर असर पड़ सकता है और ग्राहकों की धारणा प्रभावित हो सकती है। आईएचएस मार्किट की इकनॉमिक एसोसिएट निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा, ‘सेवा शुल्क में वृद्घि का मांग पर खास असर नहीं पड़ा है। कारोबारी विश्वास मजबूत बढ़ा हुआ है।’ सच तो यह है कि कंपनियां अपनी सेवा का मूल्य बढ़ा रही हैं जिससे पता चलता है कि सेवा क्षेत्र में मांग आ रही है।

First Published - November 3, 2021 | 11:28 PM IST

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