facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

सितंबर में धीमी रहीं सेवा गतिविधियां

Last Updated- December 12, 2022 | 12:28 AM IST

भारतीय  अर्थव्यवस्था के सबसे बड़े क्षेत्र, सेवा क्षेत्र में सितंबर माह में गतिविधियां अगस्त की तुलना में धीमी रहीं और आईएचएस मार्किट परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) सर्वे सूचकांक अगस्त के 56.7 से गिरकर सितंबर में 55.2 रह गया। यह गिरावट इस तथ्य के बावजूद आई कि राज्यों ने कोविड के कारण लगे प्रतिबंधों को शिथिल किया।
सर्वे के अनुसार इस गिरावट के बावजूद यह फरवरी 2020 के बाद दूसरा सबसे बेहतर प्रदर्शन वाला महीना रहा। पीएमआई सूचकांक में 50 का आंकड़ा विस्तार दर्शाता है जबकि उससे नीचे गिरावट दर्ज की जाती है। संदर्भ के लिए बता दें कि सितंबर में पीएमआई अगस्त के 18 महीने के उच्चतम स्तर से नीचे आया।
इस बीच कंपनियों ने धीमी गति से ही सही लेकिन नौ महीने के अंतराल के बाद अतिरिक्त कर्मचारियों को काम पर रखना शुरू किया। मुद्रास्फीति में कमी के बावजूद कीमतों पर दबाव देखने को मिला। अन्य प्रमुख संकेतकों के साथ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति चालू वर्ष में अपने वृद्धि और कम मुद्रास्फीति अनुमानों को बढ़ाएगी जबकि अपनी बैठक में दरों को अपरिवर्तित रखेगी।
बार्कले के मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) राहुल बाजोरिया ने कहा, ‘हमें आशा है कि केंद्रीय बैंक सकारात्मक वृहद आर्थिक घटनाक्रम को देखते हुए वृद्धि अनुमान बढ़ाएगा और मुद्रास्फीतिक अनुमानों को कम करेगा।’ उन्होंने आशा जताई कि मौद्रिक नीति समिति नीतिगत दरों को अक्षुण्ण रखेगी लेकिन वह दिसंबर में अगली बैठक में नीति में बदलाव ला सकती है। महामारी का असर कम होने के साथ ही बाजार जाने वाले उपभोक्ता बढ़े हैं।
इसके साथ ही मार्केटिंग के प्रयासों ने भी कारोबारी सुधार में मदद की है। मांग में सुधार से उत्साहित सेवा प्रदाताओं ने सितंबर में नए कर्मचारियों की तादाद में इजाफा किया। रोजगार में इस सुधार ने रोजगार में कमी के नौ महीने पुराने सिलसिले को तोड़ा लेकिन यह सुधार आंशिक ही रहा क्योंकि कुछ कंपनियों ने कहा कि उनके पास मौजूदा काम के लिए पर्याप्त कर्मचारी हैं।
कुछ कंपनियों ने कहा कि लागत में हुए इजाफे को कीमत बढ़ाकर ग्राहकों के साथ साझा किया गया। हालांकि कुछ अन्य कंपनियों ने नए काम हासिल करने के लिए शुल्क बढ़ाने से परहेज किया है। सितंबर में सेवाओं के औसत मूल्य में बढ़ोतरी हुई लेकिन मुद्रास्फीति की दर में भी कमी आई।

First Published - October 5, 2021 | 11:29 PM IST

संबंधित पोस्ट