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जिन राज्यों में योजनाओं में गड़बड़ी मिलेगी, उन्हें रकम जारी नहीं की जाएगी: शिवराज

मनरेगा जैसी योजनाएं मांग आधारित होती हैं। इसलिए जिन राज्यों में ऐसी योजनाओं के लिए धनरा​शि कम पड़ती है तो उनकी मांग के अनुसार वित्त मंत्रालय से बजट मांग लिया जाता है।

Last Updated- December 04, 2024 | 10:45 PM IST
The states where irregularities are found in the schemes, the funds will not be released: Shivraj जिन राज्यों में योजनाओं में गड़बड़ी मिलेगी, उन्हें रकम जारी नहीं की जाएगी: शिवराज

ग्रामीण विकास मंत्री ​शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को एक बार फिर दोहराया कि मनरेगा जैसी योजनाएं मांग आधारित होती हैं। इसलिए जिन राज्यों में ऐसी योजनाओं के लिए    धनरा​शि कम पड़ती है तो उनकी मांग के अनुसार वित्त मंत्रालय से बजट मांग लिया जाता है। उन्होंने चेताया कि जिन राज्यों में इन योजनाओं में गड़बड़ी मिलेगी, उन्हें रकम जारी नहीं की जाएगी। अपने मंत्रालय की योजनाओं के बारे में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वित्त वर्ष के शुरुआती 8 महीनों में ही उनके मंत्रालय ने आवंटित बजट में से 56 प्रतिशत रकम खर्च कर ली थी। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है।

इस बीच मनरेगा संघर्ष मोर्चा के बैनर तले सिविल सोसायटी कार्यकर्ताओं ने राजग सरकार के उन दावों को भ्रामक बताया जिनमें कहा गया था कि मनरेगा बजट में वा​र्षिक स्तर पर 20,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है और श्रमिकों को समय पर मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने कहा कि फंड ट्रांसफर ऑर्डर (एफटीओ) समय पर तैयार हो जाता है, लेकिन मजदूरों के खाते में पहुंचने में उसे हफ्तों और कभी-कभी महीनों का समय लग जाता है।

संवाददाताओं को संबो​धित करते हुए ज्यां द्रेज और अन्य सदस्यों ने कहा कि आधार आधारित भुगतान प्रणाली और ऑनलाइन हाजिरी जैसी अनिवार्यताओं के कारण लगभग 9 करोड़ श्रमिक कार्ड रद्द हो गए हैं। योजना के लिए अपर्याप्त बजट और तकनीकी अड़चनों के ​खिलाफ मोर्चे ने 6 दिसंबर से दो दिवसीय प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।

इस बीच, चौहान ने कहा कि मनरेगा योजना के लिए सरकार फीडबैक प्रक्रिया में सुधार करेगी, जिसमें मौजूदा जन-मनरेगा ऐप को अपडेट किया जाएगा ताकि लोगों तक समय पर सूचनाएं पहुंचाई जा सकें। उन्होंने चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि जिस राज्य में मनरेगा और पीएम आवास योजना में गड़बडि़यां पाई गईं, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि इस योजना के संबंध में केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल को प्रताड़ित नहीं कर रही है, ब​ल्कि राज्य सरकार केंद्र के दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रही है।

ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार, केंद्र के नियमों का पालन नहीं करने के कारण मनरेगा के तहत प​श्चिम बंगाल को मिलने वाली राशि मार्च 2022 से रोक दी गई है। मामला सुलझाने के सवाल पर चौहान ने कहा, ‘हम प​श्चिम बंगाल के गरीबों की ​​स्थिति को लेकर चिंतित हैं। यदि राज्य सरकार नियमों का पालन करेगी तो वह मनरेगा की धनरा​शि जारी करने के बारे में विचार करेंगे।’ केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा, ‘राज्य को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत तो धनराशि दी ही जा रही है, क्योंकि इस योजना में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं मिली। जिस उद्देश्य से रकम दी गई, वह पूरा नहीं हुआ, योजना का नाम ही बदल दिया गया, अपात्र लोगों को योजना में शामिल ​किया गया और केंद्र के मानकों का पालन नहीं हुआ तो ऐसे में क्या किया जाए, क्या राज्य सरकार से सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए?’

First Published - December 4, 2024 | 10:45 PM IST

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