Monthly Economic Review for April 2024: वित्त वर्ष 2024 में बाजार की उम्मीदों से ऊपर रही मजबूत वृद्धि के बाद वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में भी आर्थिक गति बरकरार रखने के संकेत मिल रहे हैं। शुक्रवार को अप्रैल 2024 के लिए वित्त मंत्रालय की ओर से जारी मासिक आर्थिक समीक्षा में यह जानकारी दी गई है।
समीक्षा में कहा गया है, ‘जीएसटी संग्रह, ईवे बिल, इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह, वाहनों की बिक्री, पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स और डिजिटल लेनदेन की संख्या और उसके मूल्य जैसे प्रमुख संकेतकों में तेजी से अर्थव्यवस्था की मजबूती बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।’
वित्त मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि खुले बाजार में बिक्री, अनाज के भंडार की निगरानी, दाल आयात और निर्यात पर प्रतिबंध जैसे सरकार के कदमों के कारण आगे चलकर खाने-पीने की चीजों के दाम स्थिर करने में मदद मिलने की उम्मीद है।
2024 में दक्षिण पश्चिमी मॉनसून की बारिश सामान्य रहने का अनुमान है, जिससे उत्पादन बेहतर रहेगा और इससे खाद्य वस्तुओं की कीमतों पर दबाव कम होगा, वहीं वित्त मंत्रालय ने अपनी समीक्षा में यह भी कहा है कि भू-राजनीतिक तनाव की वजह से जिंसों के अंतरराष्ट्रीय दाम में तेजी आ सकती है और आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो सकती है।
मॉनसून अनुकूल रहने की स्थिति में रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में खुदरा महंगाई दर 4.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है।
अप्रैल की समीक्षा में कहा गया है, ‘महंगाई की भविष्य की राह कुछ कारकों पर निर्भर है। कृषि क्षेत्र से सकारात्मक संकेतक सामने आ रहे हैं, जिससे भू-राजनीतिक तनाव और जिंसों के वैश्विक दाम में तेजी जैसी विपरीत परिस्थितियों से उबरने में भारत सक्षम होगा।’
वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा है कि विनिर्माण क्षेत्र के क्षमता का उपयोग इस समय दीर्घावधि औसत से ऊपर है, वहीं निजी क्षेत्र की ओर से नए निवेश की घोषणाएं वृद्धि के लिए सकारात्मक हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘घरेलू विनिर्माण क्षेत्र को आने वाले महीनों में मजबूत बाहरी समर्थन मिल सकता है। भारत के औद्योगिक एवं सेवा क्षेत्रों का प्रदर्शन बेहतर है। इसे घरेलू मांग व आंशिक रूप से संभावित विदेशी मांग से समर्थन मिल रहा है।’
इसमें यह भी कहा गया है कि अमेरिका और यूरोप इस समय चाइना प्लस वन रणनीति के तहत आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए नए सिरे से औद्योगीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिससे भारत के विनिर्माण क्षेत्र को लाभ मिल सकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में कहा था कि सरकार की नीतियों का लाभ उठाते हुए निश्चित रूप से भारत के विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत करने की जरूरत है, जिससे वैश्विक मूल्य श्रृंखला में हिस्सेदारी बढ़ सके और आत्मनिर्भरता आ सके।
सीतारमण ने कहा, ‘कई अर्थशास्त्री राय दे रहे हैं कि भारत को अब विनिर्माण क्षेत्र या विनिर्माण में तेजी लाने पर ध्यान नहीं देना चाहिए। इसके विपरीत मैं कहना चाहूंगी कि विनिर्माण को निश्चित रूप से बढ़ावा देना चाहिए। हमें अपने उत्पादों के विनिर्माण में बेहतरी लाने की जरूरत है।’
अप्रैल की समीक्षा में यह भी कहा गया है कि होटल और पर्यटन उद्योग में सुधार, ट्रांसपोर्ट और रियल एस्टेट क्षेत्र में ऋण का प्रवाह बढ़ने, फिजिकल और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स में भारी निवेश की वजह से सेवा क्षेत्र में तेजी आएगी।