facebookmetapixel
रेट कट का असर! बैंकिंग, ऑटो और रियल एस्टेट शेयरों में ताबड़तोड़ खरीदारीTest Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासा

Social Progress Index: पुडुचेरी, लक्षद्वीप और गोवा का प्रदर्शन सबसे अच्छा

Last Updated- December 20, 2022 | 5:13 PM IST
Social Progress Index: Puducherry, Lakshadweep and Goa perform best

पुडुचेरी, लक्षद्वीप और गोवा सामाजिक प्रगति सूचकांक (Social Progress Index) में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्य रहे हैं। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) ईएसी-पीएम) ने यह रिपोर्ट तैयार करवाई है। EAC-PM के चेयरमैन विवेक देवरॉय ने मंगलवार को यह रिपोर्ट जारी की।

SPI के आधार पर बनाई गई रिपोर्ट

इस रिपोर्ट के अनुसार, आइजोल (मिजोरम), सोलन (हिमाचल प्रदेश) और शिमला (हिमाचल प्रदेश) सामाजिक प्रगति के मामले में तीन सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिले रहे हैं। यह रिपोर्ट प्रतिस्पर्धा संस्थान और अमेरिका के गैर-लाभकारी संगठन ‘सोशल प्रोग्रेस इम्पेरेटिव’ ने तैयार की है। इसके लिए SPI को आधार बनाया गया है जो देश में राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय स्तर पर देश की सामाजिक प्रगति को मापने का पैमाना है।

सतत आर्थिक वृद्धि के लिए सामाजिक प्रगति जरूरी

आधिकारिक बयान के अनुसार, दीर्घावधि में सतत आर्थिक वृद्धि के लिए सामाजिक प्रगति जरूरी है। यह सूचकांक आर्थिक वृद्धि और विकास के परंपरागत उपायों का पूरक है। SPI में सामाजिक प्रगति के तीन क्षेत्रों…बुनियादी मानवीय जरूरतों, बेहतर जीवनशैली के आधार और अवसरों के लिहाज से राज्यों के प्रदर्शन को आंका जाता है।

यह भी पढ़े: जून तक राज्यों का 17,176 करोड़ रुपये का GST मुआवजा था बाकी : सरकार

मानवीय जरूरतों के मामले में किसी राज्य या जिले में पोषण और स्वास्थ्य देखभाल, जल और स्वच्छता, व्यक्तिगत सुरक्षा और रहने की स्थिति का आकलन किया जाता है। वहीं रहन-सहन या जीवनस्तर के मामले में मूल ज्ञान, सूचना तक पहुंच, संचार, स्वास्थ्य और देखभाल तथा पर्यावरण की गुणवत्ता को देखा जाता है। इसके अलावा अवसरों के मामले में व्यक्तिगत अधिकार, निजी आजादी और चयन, समावेशन और आधुनिक शिक्षा तक पहुंच की स्थिति को आंका जाता है।

First Published - December 20, 2022 | 5:13 PM IST

संबंधित पोस्ट