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राज्यों को 3 लाख करोड़ का लक्ष्य!

Last Updated- December 12, 2022 | 7:05 AM IST

राज्यों को अगले चार से पांच वर्षों में अपनी परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण से 3 लाख करोड़ रुपये तक जुटाने के लिए कहा जा सकता है। राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन के तहत राज्यों को यह लक्ष्य दिया जा सकता है।
केंद्र सरकार और नीति आयोग राज्यों को परिसंपत्तियां बेचकर रकम जुटाने के लिए कह रहे हैं और उसके तरीके भी सुझा रहे हैं। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बताया कि राज्यों को टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर (टीओटी), ऑपरेट-मेंटेन-ट्रांसफर (ओएमटी), इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट), रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट) जैसे रास्ते सुझाए जा रहे हैं। परिसंपत्ति मुद्रीकरण के जरिये बिना इस्तेमाल या कम इस्तेमाल वाली परिसंपत्तियां बेचकर या उन्हें ठेके पर देकर नई परियोजनाओं के लिए रकम का इंतजाम किया जाता है।
हाल में ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने परिसंपत्ति मुद्रीकरण पर एक कार्यशाला की अध्यक्षता की थी और उसमें राज्य सरकारों को परिसंपत्ति मुद्रीकरण के फायदे समझाए गए थे। राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन का खाका केंद्र और राज्यों के लिए परिसंपत्ति मुद्रीकरण का लक्ष्य तय करेगा। क्रिसिल इन्फ्रास्ट्रक्चर एडवाइजरी यह खाका तैयार कर रही है।
अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार के मंत्रालयों को भी वित्त वर्ष 2021-22 से तीन वर्ष के भीतर अपनी परिसंपत्तियां बेचकर 2.5 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य दिया गया है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पहले यह लक्ष्य अगले वित्त वर्ष में ही पूरा करने की बात हो रही थी मगर फिर लगा कि एक ही साल में इतनी रकम जुटाना मुमकिन नहीं होगा। अधिकारी ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2021-22 के लिए केंद्र सरकार के मंत्रालयों के लिए लक्ष्य करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये रह सकता है।’
अगले तीन वर्षों में परिसंपत्तियों की बिक्री से सबसे अधिक राजस्व जुटाने का लक्ष्य रेल मंत्रालय को दिया गया है। उसे 90,000 करोड़ रुपये जुटाने हैं, जिनके लिए रेलवे स्टेशन ठेके पर दिए जा सकते हैं, निजी कंपनियों को ट्रेन चलाने दी जा सकती हैं और विशेष माल ढुलाई गलियारे का इस्तेमाल हो सकता है। दूरसंचार मंत्रालय को 40,000 करोड़ रुपये और भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को 30,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए कहा गया है।
कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक में केंद्रीय मंत्रालयों को ये लक्ष्य थमाए गए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि नए ढांचागत निर्माण के लिए रकम का बंदोबस्त करने में मौजूदा सार्वजनिक ढांचागत परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण महत्त्वपूर्ण विकल्प है। सीतारमण ने कहा, ‘पुरानी ढांचागत परिसंपत्तियों से राजस्व अर्जित करने के लिए राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन शुरू करने की योजना है।’ सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के निजीकरण के अलावा बजट में परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण पर खास जोर दिया गया है।

First Published - March 14, 2021 | 10:41 PM IST

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