facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

2009 तक दोगुनी होगी सब-मैरिन केबल की क्षमता

Last Updated- December 05, 2022 | 4:29 PM IST

सिंगापुर से लेकर यूरोप तक बहुत से देशों को जोड़ने वाली सब-मैरिन केबल सिस्टम की क्षमता 2009 तक दोगुनी की जाएगी। इसके लिये एक बड़ी योजना बनाई गयी है ताकि योजना में धन की कमी न आ सके।


यह सब-मैरिन केबल दक्षिण एशिया-मध्य पूर्व के रास्ते यूरोप को सिंगापुर से जोड़ता है। इस उन्नयन से भारत को भी लाभ पहुंचेगा क्योंकि यह भारत को एक बड़ी सेवा प्रदान करता है।
केबल सिस्टम को दोगुना किए जाने से केबल की ट्रंक क्षमता बढेग़ी और इस रास्ते के जरिये ब्राडबैंड कनेक्विटी को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस केबल सिस्टम जिसमें कि 16 टेलीकॉम कंपनियों का मालिकाना हक है, ने इस केबल सिस्टम के उन्नयन का ठेका वैश्विक अधिसंरचना कंपनी अल्काटेल-ल्यूसेंट और जापानी कंपनी फ्यूजित्सु को दिया गया है।



उद्योगों से जुड़े सूत्रों के अनुसार अल्काटेल-ल्यूसेंट को मुंबई और फ्रांस के मार्सिलेस के बीच अहम हिस्से का ठेका दिया गया है। इसके अतिरिक्त कंपनी मुंबई और फ्रांस के  बीच एडिशनल डेंस वेवलेंथ डिवीजन मल्टीप्लेक्सिंग इक्विपमेंट (डीडब्ल्यूड़ीएम) का इस्तेमाल करेगी ताकि भारत फ्रांस के बीच डाटा ट्रांसमिशन को सरल बनाया जा सके और एलेक्जेंड्रिया-स्वेज के बीच के जोड़ को भी उन्नत किया जा सके।



इसके अतिरिक्त अल्काटेल-ल्यूसेंट के पास आरंभ से लेकर अंत तक सिंक्रोनस डिजिटल हाइरार्की
(एसडीसी) की सेवाएं प्रारंभ करने की जिम्मेदारी भी है। यह ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसके जरिये अलग-अलग क्षमताओं पर डिजिटल सिग्नल के ट्रांसमिशन को संभव बनाया जा सकता है।



सिंगापुर से मुंबई के बीच सब-मैरिन केबल के उन्नयन का ठेका फ्यूजित्सी के पास है जो इस जोड़ में डीडब्ल्यूडीएम टेक्नोलॉजी का विकास भी करेगी।



यह सब-मैरिन केबल नेटवर्क 20000 किलोमीटर लंबा है जोकि फ्रांस और सिंगापुर के बीच 14 देशों को जोड़ता है जिनमें इटली, अल्जीरिया,टयूनीशिया,मिस्र, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात,पाकिस्तान,भारत,
श्रीलंका,बांग्लादेश,थाईलैंड और मलेशिया जैसे देश शामिल है। इसके 16 लैडिंग स्टेशन है जिनमें से दो मुंबई और चेन्नई में है।



भारत के एयरटेल और टाटा कम्यूनिकेशन(पहले विदेश संचार निगम लिमिटेड) के पास भारत में इस केबल का कंर्सोटियम की
पार्टनरशिप है जो बाद में इसका प्रशासन भी देखेंगे।



इस केबल सिस्टम की पहले क्षमता 1.28 टेरा बाइट थी और 2005 में इसकी क्षमता बढ़ाई गयी थी। भारत से होकर करीब 10 केबल सिस्टम गुजरते हैं जिसमें कंर्सोटियम केबल एसईए-एमई-डब्ल्यूई भी शामिल है। टाटा इंडीकॉम के पास चेन्नई केबल,रिलायंस के पास फ्लैग और फॉल्कन और एयरटेल और बीएसएनएल के पास आईटूआई का मालिकाना हक है।

First Published - March 9, 2008 | 8:57 PM IST

संबंधित पोस्ट