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आपूर्ति दुरुस्त करने की नीति विफल : मित्रा

Last Updated- December 12, 2022 | 1:08 AM IST

वित्त मंत्रालय द्वारा अर्थव्यवस्था में रिकवरी को लेकर भरोसा जताए जाने के एक दिन बाद पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर मांग बढ़ाने के लिए नीतियों की दिशा बदलने का अनुरोध किया है। मित्रा ने कहा कि आम आदमी व्यापक पैमाने पर बेरोजगारी और महंगाई की वजह से आर्थिक दबाव से जूझ रहा है। 
मित्रा ने लिखा है, ‘आपकी सरकार की आपूर्ति से जुड़ी नीतियां पूरी तरह विफल रही हैं। आम आदमी पर कई तरफ से चोट पड़ रही है। यह आपकी सरकार की गलत वृहद् आर्थिक नीतियों की वजह से हुआ है।’  मित्रा ने इसके लिए आंकड़ों का हवाला दिया है। उदाहरण के लिए उन्होंने कहा कि अगस्त में बेरोजगारी दर एक बार फिर बढ़कर 8.32 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जिसकी वजह से आज 3.6 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए हैं। देश में अप्रत्याशित रूप से विपरीत दिशा में कामगारों का विस्थापन हो रहा है और लोग फैक्टरियों से खेत में जा रहे हैं। केंद्र सरकार के आवर्ती श्रमबल सर्वे में भी कहा गया है कि इस तरह रिवर्स माइग्रेशन होने की वजह से कामगारों का वेतन घटकर आधा हो गया है। 

उन्होंने सेंटर आफ मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में 60 प्रतिशत रोजगार असंगठित क्षेत्र में मिलता है, जो इसकी पुष्टि करता है। उन्होंने कहा, ‘यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है, जिसे बदलने में वर्षों लगेंगे।’  
महंगाई के बारे में उन्होंने कहा कि यह पहले ही आम लोगों की बचत को खा गई है। निवेश का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेशन कर दरों में कटौती और बैंक कर्ज को प्रोत्साहन दिए जने के बावजूद उद्यमियों का भरोसा बहाल नहीं हो पा रहा है।  मित्रा ने कहा कि वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 20.1 प्रतिशत की वृद्धि और 18.8 प्रतिशत जीवीए वृद्धि का आंकड़ा भ्रामक है। उन्होंने कहा, ‘इस साल पहली तिमाही में वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही की तुलना में जीवीए में वृद्धि 7.79 प्रतिशत कम है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप अपने स्पिन डॉक्टरों पर लगाम लगाएं।’

First Published - September 11, 2021 | 2:13 PM IST

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