भारत सरकार के GST खुफिया महानिदेशालय (DGGI) और राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने 11,000 करोड़ रुपये की कथित टैक्स चोरी के आरोप में 24 बड़े आयातकों का पता लगाया है। ये खुफिया एजेंसियां उन सभी आयातकों को नोटिस भेज रही हैं जो GST चोरी में पकड़े गए हैं।
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक टैक्स चोरी के 24 मामले सामने आए हैं, जिसमें 11,000 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी गई है। रिपोर्ट में बताया गया कि अभी तक 7 यूनिट्स को इसको लेकर नोटिस भेजे जा चुके हैं।
कैसे पकड़ी गई टैक्स चोरी
टैक्स चोरी पकड़ने के लिए एजेंसी ने एक नए डेटा एनॉलिटिक्स टूल का प्रयोग किया जिसे ‘एडवांस्ड एनॉलिटिक्स इन इनडायरेक्ट टैक्सेसन’ (Advanced Analytics in Indirect Taxation -ADVIT) कहा जाता है। बता दें कि ADVIT एक पॉवरफुल टूल है जो टैक्स पर किसी तरह की हेराफेरी होने की आशंका का पता लगा लेता है और उसके बाद पैटर्न और ट्रेंड्स के आधार पर उसके डेटा का विश्लेषण करता है।
किस तरह की फर्में हैं शामिल
कथित टैक्स चोरी करने के मामले में जिन कंपनियों का नाम सामने आ रहा है उसमें स्टील, कपड़ा (टेक्सटाइल), फार्मास्युटिकल्स, और रत्न व आभूषण (gems and jewelry) से जुड़ी कंपनियां शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इन कंपनियों पर मुखौटा कंपनी बनाकर फर्जी लेनदेन करने और वस्तु एवं सेवाओं (GST) का लेनदेन किए बगैर ही इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ उठाने का आरोप है।
आगे भी चलने वाला है टैक्स चोरी पकड़ने का आभियान
पिछले दिनों बिज़नेस स्टैंडर्ड ने बताया था कि GST अधिकारियों ने करीब 1,000 संदिग्ध फर्मों और उनके लाभार्थियों की लिस्ट बनाई है। उन पर भी लेनदेन किए बगैर ही इनपुट क्रेडिट कार्ड का लाभ उठाने का आरोप है।
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केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) 2 महीने का विशेष अभियान चलाने जा रही है। अभियान 16 मई से शुरू हो रहा है, जिसके तहत फर्जी GST रजिस्ट्रेशन के जरिये किए गए गलत ICT दावों की पहचान की जाएगी। यह अभियान सभी केंद्रीय और राज्य कर प्रशासन चलाएंगे तथा यह 15 जुलाई तक जारी रहेगा।
मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि संदिग्ध फर्मों की व्यापक जांच भी इस अभियान का हिस्सा होगी।