अर्थव्यवस्था

GST से घरेलू सामानों पर कर की दरें घटीं, लोगों को मिली राहत: वित्त मंत्रालय

GST करदाताओं का आधार अप्रैल 2018 तक 1.05 करोड़ था जो बढ़कर अप्रैल 2024 में 1.46 करोड़ हो गया है।

Published by
भाषा   
Last Updated- July 01, 2024 | 6:36 PM IST

वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि माल और सेवा कर (GST) आने से घरेलू उत्पादों और मोबाइल फोन के लिए कर की दरें कम हुई हैं और इससे हर घर को राहत मिली है। नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के तौर पर जीएसटी ने सोमवार को अपने सात साल पूरे किए हैं। जीएसटी में लगभग 17 स्थानीय कर एवं उपकर शामिल किए गए और इसे एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था। सातवें जीएसटी दिवस का विषय ‘सशक्त व्यापार, समग्र विकास’ है।

मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ”जीएसटी लागू होने के बाद घरेलू सामानों पर कर की दरें कम होने से घरेलू उपकरणों और मोबाइल फोन पर कम जीएसटी के माध्यम से हर घर को खुशी और राहत मिली है।” जीएसटी करदाताओं का आधार अप्रैल 2018 तक 1.05 करोड़ था जो बढ़कर अप्रैल 2024 में 1.46 करोड़ हो गया है।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने कहा, ”हमने बेहतर अनुपालन के साथ ही करदाताओं के आधार में तगड़ा उछाल देखा है।” मंत्रालय ने घरेलू सामानों पर जीएसटी से पहले और बाद की कर दरों का तुलनात्मक चार्ट देते हुए कहा कि जीएसटी ने जीवनयापन को आसान बनाया है।

मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद हर घर में खाद्य पदार्थों और बड़े पैमाने पर उपभोग की वस्तुओं पर खर्च कम हुआ है। बिना पैकिंग वाले गेहूं, चावल, दही और लस्सी जैसे खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लागू होने से पहले 2.5-4 प्रतिशत कर लगाया जाता था, जबकि जीएसटी लागू होने के बाद कर शून्य हो गया।

Also read: Manufacturing PMI: मजबूत मांग से जून में बढ़ी भारत की मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ, तेज रफ्तार से रोजगार में हुआ इजाफा

सौंदर्य प्रसाधन, कलाई घड़ी, प्लास्टिक के सैनिटरी उत्पाद, दरवाजे एवं खिड़कियां, फर्नीचर और गद्दे जैसे घरेलू सामानों पर जीएसटी प्रणाली में 18 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाता है जबकि पहले उत्पाद शुल्क और वैट व्यवस्था में 28 प्रतिशत कर लगता था।

मंत्रालय ने कहा कि मोबाइल फोन, 32 इंच तक के टीवी, रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन, बिजली के उपकरण (एयर कंडीशनर के अलावा), गीजर और पंखे पर पहले 31.3 प्रतिशत कर लगता था, जो जीएसटी व्यवस्था में घटकर 18 प्रतिशत हो गया है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि छोटे करदाताओं के लिए अनुपालन बोझ कम कर दिया गया है। जीएसटी परिषद ने वित्त वर्ष 2023-24 में दो करोड़ रुपये तक के सालाना कारोबार वाले करदाताओं के लिए वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की जरूरत खत्म करने की सिफारिश की है।

First Published : July 1, 2024 | 6:36 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)