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कर रिफंड दर की अधिसूचना जल्द

Last Updated- December 12, 2022 | 1:57 AM IST

सरकार निर्यात बढ़ाने से जुड़ी योजना रेमिशन ऑफ ड्यूटीज ऐंड टैक्सेस ऑन एक्सपोर्ट प्रोडक्ट्स (आरओडीटीईपी) से संबंधित कर रिफंड दर की अधिसूचना शुक्रवार तक जारी कर सकती है। वाणिज्य सचिव बी वी आर सुब्रमण्यम ने आज यह बात कही। विवादित मर्केंडाइज एक्सपोट्र्स फ्रॉम इंडिया स्कीम (एमईआईएस) की जगह इस वर्ष 1 जनवरी को आरओडीटीईपी योजना की अधिसूचना जारी की गई थी। यह पहल तब की गई थी जब विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने कहा था कि एमईआईएस के तहत कई वस्तुओं को निर्यात सब्सिडी दिए जाने से उसके नियमों का उल्लंघन हुआ है। 
आरओडीटीईपी योजना से निर्यातकों को करों एवं शुल्कों पर रिफंड मिलेगा। पहले निर्यातकों को इन पर रिफंड नहीं मिल रहे थे। हालांकि सरकार ने अब तक रिफंड दर अधिसूचित नहीं की है। 

आरओडीटीईपी की अधिसूचना जारी होने और इस योजना के लिए जरूरी रकम निर्गत होने से निर्यातकों को बड़ी राहत मिलेगी और व्यापार एवं उद्योग जगत के लोगों के मन में व्याप्त अनिश्चितताएं भी दूर होंगी। इससे उन्हें विदेशी खरीदारों के साथ नए अनुबंध करने में मदद मिलेगी।
वित्त वर्ष 2027-28 तक देश से वस्तुओं का कुल निर्यात बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। इतनी ही अवधि में सेवा का निर्यात भी बढ़कर 700 अरब डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान लगाया गया है। सुब्रमण्यम ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सालाना सत्र में कहा कि ये आंकड़े प्राप्त करने के लिए सरकार ने एक ढांचा तैयार किया है। उन्होंने कहा कि इसमें ‘डिस्ट्रिक्ट एज एन एक्सपोर्ट हब’ योजना भी शामिल है। वाणिज्य विभाग ने इस वित्त वर्ष के अंत तक दुनिया के 200 देशों में 31 वस्तुओं का निर्यात करने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया है। सरकार ने इन वस्तुओं की पहचान कर 419 अरब डॉलर मूल्य का निर्यात करने का लक्ष्य तय किया है।
सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकार ने उद्योग जगत की मदद करने के लिए उपाय किए हैं और एक विशेष रिपोर्ट भी जारी करने वाली है। यह रिपोर्ट सभी दूतावासों और विदेश मंत्रलाय को सौंपी जाएगी जिससे इन वस्तुओं की पहचान कर विभिन्न देशों के साथ व्यापार बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। 

विभाग देश में 700 जगहों को निर्यात केंद्र के रूप में विकसित करना चाहता है। इन जिलों या जगहों मूल्यांकन गे्रडेड रेटिंग स्कीम के आधार पर किया जाएगा और पहले चरण में 100 जिलों में निर्यात ढांचा विकसित करने के लिए उन्हें वित्तीय मदद दी जाएगी। 
सुब्रमण्यम ने उन चिंताओं का भी जिक्र किया कि पिछले एक दशक के दौरान निर्यात मूल्य लगभग स्थिर रहा है लेकिन निर्यात प्रोत्साहन काफी तेजी से वापस लिए गए हैं।

First Published - August 12, 2021 | 12:06 AM IST

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