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इस शुक्रवार मिला सरकार को कुछ सुकून

Last Updated- December 07, 2022 | 1:42 AM IST

हर शुक्रवार को जारी होने वाले महंगाई दर के आंकड़े में इस बार 0.01 फीसदी की मामूली गिरावट रही, जो 10 मई को समाप्त सप्ताह के दौरान 7.82 प्रतिशत रही।


जबकि इससे पूर्व सप्ताह में यह 7.83 प्रतिशत थी। इस दौरान फल, सब्जी और मूंग की कीमतों में 2-2 फीसदी की गिरावट आई, जबकि चना और उड़द में एक-एक प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। हालांकि चाय, मसालों, समुद्री उत्पाद, चावल, मांस और गेहूं की कीमतों में इस हफ्ते भी तेजी का रुख रहा और इसमें एक-एक फीसदी की बढ़त देखी गई।

कच्चे खाद्य तेल की कीमत समीक्षाधीन सप्ताह में 13 प्रतिशत गिर गई। सरसों और मूंगफली तेल में भी गिरावट का रुख रहा, लेकिन स्किम्ड मिल्क पाउडर के निर्यात पर प्रतिबंध के बावजूद इसकी घरेलू कीमत एक प्रतिशत चढ़ गई, जबकि सोयाबीन तेल की कीमत में 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ। ईंधन, बिजली, लुब्रिकेंट सूचकांक में भी मामूली बढ़त देखी गई।

राहत की बात है कि इस दौरान फल, सब्जी और दालों की कीमतों में थोड़ी नरमी का रुख रहा और इस्पात-सीमेंट की कीमतें लगभग स्थिर रहीं। हालांकि इस्पात की कीमतों में कटौती के बावजूद ऑटो कलपुर्जों की कीमत 9 से 21 प्रतिशत के बीच बढ़ी, वहीं बिजली के सामानों की कीमतें भी चढ़ीं। कच्चा रबर आठ प्रतिशत मंहगा हुआ है।

‘अभी दुख देगी महंगाई’

मुद्रास्फीति की दर आगामी तीन से चार महीनों के दौरान ऊंची बनी रहेगी हालांकि चालू वित्त वर्ष के अंत तक इसके घटकर 5.5 प्रतिशत के आसपास आने की उम्मीद है।

किसी और ने नहीं बल्कि खुद प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सी. रंगराजन ने शुक्रवार को यह अनुमान जताया। उन्होंने हालांकि अर्थव्यवस्था की विकास दर अच्छी रहने का अनुमान व्यक्त करते हुए कहा- हमारा अभी भी मानना है कि कुल मिलाकर 2008-09 के दौरान विकास दर आठ प्रतिशत के आसपास रहेगी।

सरकार महंगाई दर की स्थिति पर सतर्कता से निगाह रख रही है और जरूरी हुआ तो कुछ और कदम उठाए जाएंगे। – वित्त मंत्री पी. चिदंबरम

तेल भी रहा नरम 

कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में शुक्रवार को नरमी का रुख देखने को मिला। तेल कीमतें गुरुवार को 135 डॉलर प्रति बैरल की रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गई थीं। न्यूयार्क के मुख्य तेल वायदा सौदे, लाईट स्वीट क्रूड के जुलाई आपूर्ति वाले सौदे के भाव 130.90 डॉलर प्रति बैरल रहे।

…मगर दाम बढने तय

ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी की आवश्यकता जताते हुए पेट्रोलियम सचिव एम.एस. श्रीनिवासन ने कहा- कीमत बढ़ोतरी अपरिहार्य हो चुकी है।

उनके सुर में सुर मिलाते हुए प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने भी शुक्रवार को कहा कि खुदरा कीमतों को बढ़ाने की जरूरत है क्योंकि कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत तेजी से बढ़ रही है और तेल कंपनियों के नुकसान की भरपाई के लिए तेल बॉन्ड जारी करने की भी एक सीमा है। परिषद के अध्यक्ष सी. रंगराजन ने कहा – जब महंगाई दर बढ़ रही है, तो तेल की कीमतें बढ़ना गंभीर है। हम असमंजस में हैं।

आज महफिलें सजा लो…

ओएनजीसी के चेयरमैन आर.एस. शर्मा की ओर से गुरुवार को डिनर पार्टी आयोजित की गई थी।

पार्टी में किसी ने उनसे पूछा कि जब कच्चे तेल की कीमत 135 डॉलर प्रति बैरल की ऊंचाई पर पहुंच गई है और तेल कंपनियों को नुकसान हो रहा है, तो महफिल सजाना कहां तक उचित है?

इस पर शर्मा ने महफिल सजाने के लिए इसी को सही समय करार देते हुए दलील दी कि भविष्य में हमारे लिए परेशानियां और बढ़ने वाली हैं।

First Published - May 24, 2008 | 1:29 AM IST

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