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‘आत्मनिर्भर भारत की रफ्तार धीमी’

Last Updated- December 12, 2022 | 4:00 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की रफ्तार कुछ धीमी जरूर हुई है, लेकिन इस अभियान के जरिए देश को सशक्त बनाना आज भी उनकी सरकार का संकल्प है। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) सोसाइटी की एक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा ‘सॉफ्टवेयर से लेकर सैटेलाइट तक’ आज भारत दूसरे देशों के विकास को गति दे रहा है और दुनिया के विकास में ‘प्रमुख इंजन’ की भूमिका निभा रहा है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के अलावा अन्य मंत्री और वैज्ञानिक शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी पूरी दुनिया के सामने इस सदी की सबसे बड़ी चुनौती बनकर आई है लेकिन इतिहास इस बात का गवाह है कि जब भी मानवता पर कोई बड़ा संकट आया है। विज्ञान ने और बेहतर भविष्य के रास्ते तैयार कर दिए हैं। साल भर के भीतर कोरोनारोधी टीका विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अप्रत्याशित है और इतनी बड़ी आपदा से देश की जनता को उबारने के लिए एक साल में टीका बना देने का काम का इतिहास में शायद पहली बार हुआ होगा।
उन्होंने कोरोना के खिलाफ  लड़ाई में भारत को कोविड-19 के टीके, जांच किट, आवश्यक उपकरण और नई कारगर दवाओं के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए वैज्ञानिकों की सराहना की और कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी को विकसित देशों के बराबर लाना उद्योग और बाजार के लिए बेहतर रहेगा।
उन्होंने कहा कि पहले दूसरे देशों में खोज हुआ करती थी तो भारत को कई कई सालों तक उसके लाभ का इंतजार करना पड़ता था, लेकिन आज भारत के वैज्ञानिक दूसरे देशों के वैज्ञानिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मानव जाति की सेवा में जुटे हुए हैं और उतनी ही तेज गति से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘इस असाधारण प्रतिभा से ही देश आज इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा है।’

First Published - June 5, 2021 | 12:03 AM IST

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