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विदेशी निवेशकों की एकल खिड़की पर कोविड का साया

Last Updated- December 12, 2022 | 5:16 AM IST

विदेशी निवेशकों के लिए केंद्र की महत्त्वाकांक्षी एकल खिड़़की मंजूरी व्यवस्था 15 अप्रैल को शुरू किए जाने की संभावना थी, लेकिन अब इसमें विलंब हो रहा है। राज्यों का तकनीकी इन्फ्रास्ट्रक्चर अभी नई प्रणाली के लिए पूरी तरह तैयार नहीं होने की वजह से ऐसा हुआ है। इसके अलावा कोविड-19 की दूसरी लहर और उसकी वजह से लगाए गए लॉकडाउन से संबद्घ विभागों में श्रम उपलब्धता प्रभावित हुई है।
इसके परिणामस्वरूप यह पता चला है कि सरकार ने नई समय-सीमा पर जोर दिया है और क्लियरेंस व्यवस्था की पेशकश को जून तम बढ़ा दिया गया है।  
भारत में निवेश को इच्छुक विदेशी निवेशकों को ध्यान में रखकर नई प्रणाली तैयार की गई है। इसका मकसद यहां निर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए सभी पर्याप्त नियामकीय और राज्य मंजूरियां हासिल करने की प्रक्रिया को मदद प्रदान करना है। इस पोर्टल पर देश के लैंड बैंक का भंडार होने की भी उम्मीद है, जिसमें सभी खाली भूखंडों और कनेक्टिविटी के विभिन्न स्तरों के साथ साथ इलाके के उपग्रह दृश्यों की जानकारी शामिल होगी।
इस घटनाक्रम से अवगत एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘ऐसे कई कारक हैं जिनसे चुनौती पैदा हुई है। पहला, भूमि बैंकों का आकार ऐसा है जिससे निर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए उनकी पहचान करना बेहद जटिल है। दूसरा, राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए अपना इन्फ्रास्ट्रक्चर दुरुस्त करना होगा कि सभी मौजूद लाइसेंस/मंजूरियां सिंगल विंडो क्लियरेंस के लिए एक पोर्टल पर अपडेट हों।’
यह पता चला है कि कई राज्यों इस व्यवस्था के लिए जरूरी तकनीकी ढांचा तैयार नहीं किया है जिसकी वजह से उद्योग एवं आंतरिक व्यापार प्रोत्साहन विभाग (डीपीआईआईटी) आरंभिक चरण में कुछ राज्यों के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है। इस मामले से अवगत एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा, डीपीआईआईटी ने पूरे भारत में पोर्टल समान बनाने की कोशिश की है, जिससे इसे लेकर जटिलता बढ़ी है।
अधिकारियों का कहना है कि केंद्र 8 राज्यों को इस व्यवस्था से जोडऩे में सफल रहा है जबकि अन्य 7-8 राज्यों ने भूमि बैंकों के लिए मंजूरी नहीं दी है। डीपीआईआईटी को नई प्रणाली के शुरू होने के वक्त कम से कम 15 राज्यों के इससे जुडऩे की संभावना है जिनमें पंजाब उत्तर प्रदेश, असम, गुजरात, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु मुख्य रूप से शामिल हैं।
इस बीच, घरेलू निवेशकों के लिए सरकार इसी तरह की एक समान विंडो प्रणाली ‘माध्यम’ पर काम कर रही है, जिसकी मौजूदा समय में टेस्टिंग हो रही है। इस पोर्टल का मकसद निवेशकों को भारत में व्यवसाय शुरू करने के लिए जरूरी मंजूरियां प्रदान करना है। यह पता चला है कि डीपीआईआईटी ने 27 अप्रैल तक उद्योग की प्रतिक्रिया सौंपे जाने को कहा है। साथ ही केंद्र के साथ साथ राज्यों की मौजूदा क्लियरेंस व्यवस्था को भी समेकित किया जाएगा।

First Published - May 2, 2021 | 11:15 PM IST

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