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भारत और रूस के बीच रुपये में कारोबार पर नहीं बनी बात, तेल और कोयले के आयात को लगेगा झटका

Last Updated- May 04, 2023 | 10:58 PM IST
India, Russia suspend negotiations to settle trade in rupees
BS

भारत और रूस के बीच रुपये में द्विपक्षीय व्यापार करने के प्रयास स्थगित कर दिए गए हैं। इस मामले से जुड़े प्रत्यक्ष सूत्र और दो सरकारी अधिकारियों ने बताया कि कई महीनों की बातचीत रूस को रुपये में कारोबार करने के लिए राजी करने में विफल साबित हुई है। इससे भारत को रूस से सस्ता तेल और कोयले के आयात को जबरदस्त झटका लगेगा। इनके लिए स्थायी तौर पर रुपये के भुगतान तंत्र का इंतजार किया जा रहा था। वैसे रुपये में भुगतान का तंत्र स्थापित होने से मुद्रा को बदलने में लागत भी कम आती।

भारतीय अधिकारी ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर रॉयटर्स को बताया कि अभी व्यापार घाटे का झुकाव रूस की ओर है। इसलिए मास्को को लगता है कि यदि ऐसा तंत्र स्थापित हो जाता है तो उसका रुपये का 40 अरब डॉलर से अधिक का सालाना अधिशेष हो जाएगा। रूस को लगता है कि रुपये को ऐसे संचय करना ‘वांछनीय’ नहीं है। इस पर भारत के वित्त मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक और रूस के अधिकारियों ने तत्काल कोई जवाब नहीं दिया।

रुपया पूरी तरह परिवर्तनीय नहीं है। वस्तुओं के वैश्विक निर्यात बाजार में भारत की हिस्सेदारी केवल दो प्रतिशत है। इससे अन्य देशों की रुपये को रखने की जरूरत घट जाती है।

रूस ने बीते साल यूक्रेन पर हमला किया था। इसके फौरन बाद भारत ने रूस के साथ रुपये में भुगतान का तंत्र विकसित करने के लिए संभावनाएं तलाशनी शुरू की थीं। हालांकि जानकारी के मुताबिक रुपये को लेकर कोई समझौता नहीं हो पाया। ज्यादातर कारोबार डॉलर में होता है लेकिन अन्य मुद्राओं जैसे यूएई की मुद्रा दिरहम में भी राशि का लेन-देन हो रहा है। दोनों देशों ने स्थानीय मुद्रा में कारोबार की सुविधा के लिए बातचीत की थी लेकिन कोई दिशानिर्देश तय नहीं हो पाया था।

इस बातचीत में शामिल रहे दूसरे भारतीय अधिकारी ने बताया कि रूस भारतीय रुपये में कारोबार करने के लिए सहज नहीं है। रूस चाहता है कि भुगतान चीनी युआन या अन्य मुद्राओं में हो। इस मामले के जानकार तीसरे सूत्र ने बताया, ‘हम इस मामले पर समझौते के लिए आगे नहीं बढ़ना चाहते हैं। भारत इसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए सभी प्रयास कर चुका है लेकिन इनसे मदद नहीं मिली।’

एक अन्य सरकारी अधिकारी ने बताया कि 5 अप्रैल तक रूस से भारत को आयात बढ़कर 51.3 अरब डॉलर हो गया जबकि बीते साल की आलोच्य अवधि में यह 10.6 अरब डॉलर था। रूस से भारत को होने वाले आयात में रियायती तेल की बड़ी हिस्सेदारी थी। इस दौरान कच्चे तेल का आयात 12 गुना बढ़ा।

हालांकि इस अवधि के दौरान भारत से रूस को निर्यात आंशिक रूप से गिरकर 3.43 अरब डॉलर हो गया जबकि बीते साल की आलोच्य अवधि में यह 3.61 अरब डॉलर था।

First Published - May 4, 2023 | 10:58 PM IST

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