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जून में यूपीआई ट्रांजैक्शन अब तक के शीर्ष स्तर पर

Last Updated- December 15, 2022 | 5:32 AM IST

अप्रैल महीने की सुस्ती के बाद मई और जून महीने में डिजिटल भुगतान में तेजी आई और अब यह कोविड के पहले के स्तर पर पहुंच गया है। इससे अनलॉक-1 के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेजी के संकेत मिलते हैं।
नैशलन पेमेंट कॉर्पोरेशन आफ इंडिया (एनपीसीआई) की ओर से जारी जून महीने के आंकड़ों के मुताबिक अपने अप्रैल के निचले स्तर से डिजिटल भुगतान उबर चुका है। देशबंदी के कारण अप्रैल महीने में डिजिटल भुगतान करीब ठहर गया था।
जून महीने में यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) से लेनदेन 8.9 प्रतिशत बढ़कर 1.34 अरब हो गई, जो मई में 1.23 अरब थी।  वहीं लेनदेन का मूल्य करीब 20 प्रतिशत बढ़कर 2.61 अरब रुपये हो गया, जो 2.18 अरब रुपये था। अप्रैल महीने में यूपीआई में लेनदेन 0.99 अरब और लेनदेन का मूल्य 1.51 अरब रुपये था।
इमीडिएट पेमेंट सर्विसेज (आईएमपीएस) में लेनदेन की संख्या 19 प्रतिशत बढ़कर जून में 19.891 करोड़ हो गई, जो मई में 16.668 करोड़ थी। वहीं लेनदेन का मूल्य 22 प्रतिशत बढ़कर 2.06 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 1.69 लाख करोड़ रुपये था। अप्रैल में आईएमपीएस मे लेनदेन की संख्या 12.247 करोड़ और लेन देन की मात्रा 1.21 लाख करोड़ रुपये थी। आईएमपीएस और यूपीआई से लेनदेन की सीमा प्रति लेनदेन 2 लाख रुपये तक सीमित कर दी गई है।
ऑनलाइन बिल भुगतान व्यवस्था भारत बिल पेमेंट सिस्टम (बीबीपीएस) में लेनदेन की संख्या 26.6 प्रतिशत बढ़कर जून महीने में 176.4 लाख हो गई, जो मई में 165.4 लाख थी। वहीं लेनदेन का मूल्य 36.3 प्रतिशत बढ़कर 2,969.66 करोड़ रुपये हो गई, जो  समान अवधि के दौरान 2,178.72 करोड़ रुपये थी।  आधार सक्षम पेमेंट सिस्टम (एईपीएस) से लेनदेन जून महीने में 10 प्रतिशत बढ़कर 19,981 करोड़ रुपये हो गया. जो मई  में 18,129 करोड़ रुपये था। सरकार इस माध्यम से गरीबों को हर महीने भुगतान कर रही है। फास्टैग के माध्यम से लेन देन की संख्या 48.48 प्रतिशत बढ़क र जून में 8.192 करोड़ हो गई। लेन देन का मूल्य 32.25 प्रतिशत बढ़कर मई के 1,142.34 करोड़ रुपये से बढ़कर जून में 1,511.93 करोड़ रुपये हो गया।

एमएसएमई को मिलेंगे 75 करोड़ डॉलर
विश्व बैंक ने बुधवार को कहा कि वह कोविड-19 से प्रभावित 15 करोड़ सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) की मदद के लिए भारत को 75 करोड़ डॉलर का बजट समर्थन देगा।
वित्त वर्ष 2020 (जुलाई 2019 से जून 2020) के दौरान विश्व बैंक ने भारत को 5.13 अरब डॉलर का कर्ज उपलब्ध कराया। यह पिछले एक दशक में उससे भारत को मिली सबसे अधिक वार्षिक ऋण सहायता है। इसमें कोविड-19 महामारी के तीन माह के भीतर उपलब्ध कराई गई 2.75 अरब डॉलर की ऋण सहायता शामिल है। विश्व बैंक के भारत स्थित निदेशक जुनैद अहमद ने कहा कि यह वित्तपोषण बहुपक्षीय बैंक की विकास नीति ऋण के तहत उपलब्ध कराया गया है। यह प्रत्यक्ष बजट समर्थन है। इस वित्त समर्थन से एमएसएमई क्षेत्र को सुरक्षा देने के सरकार के प्रयासों को समर्थन मिलेगा। भाषा

First Published - July 2, 2020 | 12:21 AM IST

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