US electronics trade: अमेरिका के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात बढ़ाने के मामले में भारत दुनिया में वियतनाम, ताइवान और मेक्सिको जैसे कई प्रतिस्पर्धियों से पीछे है। चीन के खिलाफ अमेरिका की शुल्क संबंधी सख्ती का फायदा इन देशों ने ज्यादा उठाया है।
वर्ष 2018 में अमेरिका ने चीन के इलेक्ट्रॉनिक सामान पर 25 प्रतिशत का शुल्क लगा दिया था। इंडियन सेल्युलर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के आंकड़ों से पता चलता है कि इस व्यापार शुल्क से 2018 में अमेरिका को चीनी इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्यात 32 प्रतिशत घटकर 207 अरब डॉलर रह गया और 2019 में यह और गिरकर 140.2 अरब डॉलर रह गया। आईटीसी ट्रेड मैप ने आईसीईए के इनआंकड़ों का विश्लेषण किया है।
निर्यात में गिरावट से जगह हो गई क्योंकि अमेरिका वैश्विक रूप से इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का सबसे बड़ा आयातक है। 2023 में ऐसे उत्पादों का इसका आयात 518 अरब डॉलर रहा जो 2018 के मुकाबले 16 प्रतिशत तक अधिक था। वियतनाम सबसे बड़ा लाभार्थी रहा। उसका इलेक्ट्रॉनिक निर्यात 2018 से 2023 के बीच बढ़कर 39.1 अरब डॉलर हो गया। वियतनाम का निर्यात 2018 में 12.1 अरब डॉलर था जो 2023 में बढ़कर 51.2 अरब डॉलर हो गया। यह आंकड़ा इस अवधि में अमेरिका को 28.3 प्रतिशत की कुल गैर-चीनी इलेक्ट्रॉनिक निर्यात भागीदारी बताता है।
2018 और 2023 के बीच अमेरिका के लिए भारत का इलेक्ट्रॉनिक निर्यात 7.6 अरब डॉलर बढ़ा जो 2018 के 1.3 अरब डॉलर के मुकाबले काफी ज्यादा है। इस सात गुना वृद्धि के बावजूद यह इस अवधि में अमेरिका के लिए कुल गैर-चीनी इलेक्ट्रॉनिक निर्यात का सिर्फ 5.5 प्रतिशत है। ताइवान भी भारत से आगे है, जिसने वृद्धिशील निर्यात में 25.6 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की है।