अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक द्वारा बुधवार को होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किए जाने की उम्मीद है। उम्मीद है कि दरें मौजूदा स्तर 5.25 से 5.50 प्रतिशत के बीच ही रहेंगी।
हर किसी की निगाहें अमेरिका के मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर भी टिकी हैं। माना जा रहा है कि पिछले महीने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति में थोड़ी कमी आई है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण में अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि सीपीआई मुद्रास्फीति पिछले महीने के 0.3 प्रतिशत से घटकर 0.1 प्रतिशत पर आ सकती है। गौरतलब है कि फेड की घोषणा से पहले मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी किए जाएंगे।
अर्थशास्त्रियों का अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती की संभावना पर क्या कहना है?
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा अगली बैठक (जो जुलाई में होनी है) में भी ब्याज दरों में कोई बदलाव की घोषणा नहीं किए जाने की संभावना है।
हालांकि, शुक्रवार को जारी जॉब रिपोर्ट (गैर-कृषि क्षेत्र में वेतन पाने वाले लोगों का डेटा) उम्मीदों से ज्यादा रही, जिससे यह आशंका बढ़ गई है कि मुद्रास्फीति ऊंची बनी रह सकती है जबकि अर्थव्यवस्था की वृद्धि मजबूत बनी रहेगी। वित्तीय सेवा समूह एचएसबीसी का कहना है कि यह घटनाक्रम फेड की नीति समीक्षा में भी झलकता है, क्योंकि उसने सतर्क रुख अपनाया है।
ब्याज दरों की घोषणा से पहले, भारतीय शेयर बाजार आज ऊपर खुला, जिसे अमेरिकी ब्याज दर नीति के प्रति संवेदनशील आईटी शेयरों ने बढ़ावा दिया। आंकड़ों के मुताबिक, इन शेयरों में 1.25 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई।
ब्याज दरों में हालांकि कोई बदलाव नहीं होने की उम्मीद है, लेकिन इस पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाएगा कि क्या कमेटी इस साल के अंत में संभावित ब्याज दर में कटौती के अपने पूर्वानुमानों को एडजस्ट करेगी।
इनटच कैपिटल मार्केट्स में एशिया एफएक्स के प्रमुख किरान विलियम्स ने रॉयटर्स को बताया कि इस पर आम सहमति यह है कि 2024 में कटौती की संख्या वर्तमान में तीन से घटाकर दो कर दी जाएगी।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सितंबर में फेड द्वारा ब्याज दर में कटौती की घोषणा की संभावना एक सप्ताह पहले 78 प्रतिशत से घटकर 56 प्रतिशत हो गई है।