सरकार ने एक बार फिर से विंंडफॉल टैक्स में कटौती की है। इस बार क्रूड पेट्रोलियम पर विंडफॉल टैक्स को घटाकर शून्य कर दिया है। अभी तक यह यह टैक्स, 4,100 रुपये प्रति टन था। बता दें, विंडफॉल टैक्स की दरों पर हर 15 दिन में समीक्षा किया जाता है। नई दरें कल यानी मंगलावर 16 मई से लागू हो जाएंगी।
इससे पहले सरकार ने 1 मई को क्रूड ऑयल पर विंडफॉल टैक्स को 6,400 रुपये प्रति टन से 4,100 रुपये प्रति टन करने का ऐलान किया था। इसके अलावा सरकार ने पेट्रोल, डीजल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) पर भी विंडफॉल टैक्स शून्य पर बरकरार रखा है।
सरकार ने यह कदम दरअसल निजी फ्यूल रिफाइनर के सस्ती दरों पर देश में तेल बेचने के बजाय विदेशी बाजारों में मजबूत रिफाइनिंग मार्जिन से लाभ कमाने को लेकर उठाया था।
इसका असर घरेलू स्तर पर आम लोगों पर नहीं दिखाई देता लेकिन यह असर उन कंपनियों पर देखने को मिलता है जो कम कीमत पर क्रूड ऑयल खरीदते हैं और रिफाइंड कर दूसरे देशों को ज्यादा कीमत पर बेचकर मोटा मुनाफा कमाते हैं। इसी मुनाफे पर सरकार विंडफॉल टैक्स लगाकर कमाई करती है ताकि घरेलू आपूर्ति में कोई कमी न आये।
विंडफाल टैक्स ऐसी परिस्थितियों में लगाया जाता है जब किसी बाहरी वजह के चलते किसी कंपनी या इंडस्ट्री एकाएक मुनाफा अचानक से बढ़ जाए। जैसे कि विदेशों में किसी क्राइसिस के दौरान वहां तेल महंगा हो जाए तो इससे कंपनियों का मुनाफा एकाएक बढ़ जाता है।