पिछले एक साल के दौरान ऑटो पुर्जे बनाने वाली कम्पनियों के शेयरों के दाम काफी तेजी से गिरे हैं। फिलहाल इनका भाव 52 सप्ताह में सबसे निचले स्तर पर है।
बढ़ती ब्याज दर और लागत दर में आए उछाल के चलते इन कंपनियों के लिए बेहतर नतीजे देना मुश्किल होता जा रहा है। लिहाजा कंपनियां इनसे उबरने के लिए अपने उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर दे रही हैं ताकि इन झटकों से बच सकें। दिल्ली स्थित एएनजी ऑटो, जो कि ऑटो पार्ट्स और ट्रेलर बनाती है, का शेयर इस समय आकर्षक दाम पर मिल रहा है।
एकीकरण और विस्तार
ट्रेलरों की मांग बढ़ रही है। कम्पनी को चालू वित्तीय वर्ष में 24,000 ट्रेलरों की मांग की उम्मीद है। इसके लिए कम्पनी अपनी वर्तमान उत्पादन क्षमता को 300 से बढ़ाकर 500 वाहन प्रति माह करेगी। कंपनी की कोशिश है कि वह एशिया में सबसे बड़ी ट्रेलर निर्माता बन जाए। कंपनी ट्रेलर के 75 फीसदी कल-पुर्जे खुद बनाती है और फिलहाल यह सभी तरह के कल-पुर्जों काकारोबार कर रही है। 10 से 15 फीसदी की अनुमानित बढ़त के साथ कंपनी की बिक्री 26,500 इकाइयों तक पहुंचनी चाहिये।
ट्रेलर बनाम ट्रक
अगर रिसर्च के तथ्यों की मानें तो कम परिचालन लागत पर ट्रेलरों के जरिये ज्यादा सामान ढोया जा सकता है। जहां ट्रक से 16 टन और 25 टन के लिये परिचालन लागत प्रति टन 1.53 रुपये और 1.12 रुपये पड़ती है वहीं 35 टन के टैक्टर ट्रेलर में प्रति टन 1.01 रुपये की लागत ही आती है।
सन 2005 में सुप्रीम कोर्ट के ट्रकों की ओवरलोडिंग पर रोक लगाने केनिर्देश के बाद भारी वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री बढ़ी। यह कारण भी ट्रेलर सेक्टर के लिये फायदेमंद है क्योंकि ट्रांसपोर्टर अपनी आपरेशनल क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं।
भौगोलिक विविधता
कंपनी अपने सभी कंपोनेंट का निर्यात अपने विदेशी ग्राहकों को 2005 तक कर रही थी। लेकिन पिछले तीन सालों से कंपनी घरेलू बाजार पर ज्यादा गौर कर रही है। इससे उसे घरेलू सेगमेंट को दोगुना करने में मद्द मिली है जो कि तीन साल पहले कुछ नहीं थी। कंपनी का विदेशी बाजार खासा एकीकृत है क्योंकि कंपनी अपने 90 फीसदी उत्पादों का निर्यात सिर्फ 5 ग्राहक देशों को ही करती है।
कंपनी ने अपने उत्पादों की मार्केटिंग के लिये अशोक लीलैंड के साथ अनुबंध किया था लेकिन खराब नतीजे आने पर कंपनी ने यह अनुबंध रद्द कर दिया। इस करार केदौरान कंपनी की तिमाही बिक्री 300 थी लेकिन कंपनी अब 175 ट्रेलर की बिक्री प्रति माह कर रही है।
निवेश का औचित्य
ट्रेलर पर कम लागत के कारण एएनजी ऑटो के उत्पादों को प्राथमिकता मिलने की आशा है। हालांकि इसमें बाधाएं भी हैं। ब्याज दरों की बढ़ती लागत से ट्रकों की मांग घट सकती है। अमेरिका के वाणिज्यिक वाहन बाजार में मंदी से भी कंपनी को को आगे बढ़ने में दिक्कत आ सकती है।
कम अवधि के लिहाज से कंपनी को भले ही अभी थोड़ी दिक्क्त हो पर मध्यम अवधि में कंपनी अपनी उच्च बढ़त बरकरार रख सकती है। कंपनी का शेयर अभी 112 रुपये पर है और पिछले एक हफ्ते में इसमें 14 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। आने वाले दिनों में इसमें और बढ़ोत्तरी के आसार हैं।