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आक्रामक कारोबार की तैयारी

Last Updated- December 12, 2022 | 3:07 AM IST

निजी क्षेत्र में देश के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी ने आज भुगतान कारोबार के लिए अपनी आक्रामक योजनाओं का संकेत दिया है। बैंक ने कहा कि वह नियामक की ओर से क्रेडिट कार्ड और डिजिटल बैंकिंग पर रोक हटाये जाने के बाद अपनी बाजार हिस्सेदारी को वापस पाने पर विचार कर रहा है। उसे उद्योग के मुकाबले अधिक तीव्र गति से वृद्घि करने की उम्मीद है।
बैंक के भुगतान, उपभोक्ता वित्त, डिजिटल बैंकिंग और आईटी-समूह प्रमुख पराग राव ने कहा कि बैंक ने दिसंबर, 2020 में प्रतिबंध लगाए जाने के बाद के छह महीने की अवधि का उपयोग डिजिटल और आईटी बुनियादी ढांचे में फेरबदल और सुधार करने तथा भविष्य की जरूरतों के लिए आईटी प्रणालियों में और अधिक निवेश करने के लिए किया है। रोक हटने के बाद बैंक जोर शोर से वापसी करेगा। हालांकि, उन्होंने इस बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि कब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) प्रतिबंधों में ढील देगा। उन्होंने आईटी और डिजिटल बुनियादी ढांचे को दुरुस्त करने के लिए किए गए निवेशों के बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी।
दिसंबर 2020 में रिजर्व बैंक ने एक के बाद एक नेटवर्क आउटेज के कारण एचडीएफसी बैंक को नए क्रेडिट कार्ड बेचने और नई डिजिटल सेवाएं शुरू नहीं करने के लिए कहा था। प्रतिबंधों के बाद भी गड़बडिय़ां सामने आई हैं। नियामक की ओर से नियुक्त किए गए तीसरे पक्ष के तकनीकी लेखाकार से फरवरी से अप्रैल का ऑडिट कराया गया था जिसने रिपोर्ट तैयार कर रिजर्व बैंक को सौंप दी। अब बैंक नियामक के निर्णय का इंतजार कर रहा है। राव ने कहा कि बैंक ने छह महीनों का वक्त अपने मौजूदा ग्राहक आधार पर दोबारा से ध्यान देने पर लगाया है और डेबिट कार्ड पर खर्चों को भी बढ़ाया है।  बैंक ने पोर्टफोलियो ग्राहकों से जुडऩे के लिए बिक्री करने वाले कार्य बल को दोबारा से कौशल प्रदान किया और क्रॉस बिक्रियों को भी बढ़ाया। उन्होंने कहा कि रोक हटने के बाद भी बैंक कार्ड संबंधी कारोबार के लिए नीति बनाता रहेगा।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने पुणे स्थित एक उद्यम सॉफ्टवेयर समाधान कंपनी वर्चुओसो इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड में 7.4 फीसदी हिस्सेदारी ली है।

First Published - July 1, 2021 | 12:35 AM IST

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