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वित्त वर्ष 22 के अंत तक कम होगा संपत्ति गुणवत्ता का दबाव

Last Updated- December 12, 2022 | 10:18 AM IST

वित्त वर्ष 2022 के अंत तक भारत के बैंकों की शुद्ध गैर निष्पादित संपत्तियां (एनपीए) घटकर 2.5 प्रतिशत रह सकती हैं, जिससे उनकी संपत्ति की गुणवत्ता पर दबाव कम होगा। मार्च 2021 के लिए यह 3.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने एक रिपोर्ट में यह कहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्ज पुनर्गठन का मूल्य घटकर अग्रिम के 2.5 से 4.5 प्रतिशत तक रह सकता है, जबकि शुरुआत में 5 से 8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।  इक्रा ने एक बयान में कहा है कि कर्ज के भुगतान पर मॉरेटोरियम खत्म हो गया है और संपत्ति के वर्गीकरण को लेकर अभी उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों का इंतजार है। इसे देखते हुए सकल एनपीए बढ़कर मार्छ 2021 तक 10.1 से 10.6 प्रतिशत हो सकता है, जो सितंबर 2020 में 7.9 प्रतिशत था। 
 
शुद्ध एनपीए भी मार्च 2021 तक 3.1 से 3.2 प्रथिशत रह सकता है, जो सितंबर 2020 में 2.2 प्रतिशत था।  बहरहाल वित्त वर्ष 2022 में शुद्ध एनपीए और कर्ज के प्रावधान की स्थिति तुलनात्मक रूप से बेहतर होगी क्योंकि कर्ज पोर्टफोलियो में बैंकों ने मजबूत संग्रह की रिपोर्ट दी है। ज्यादातर बैंकों ने 90 प्रतिशत से ज्यादा संग्रह की सूचना दी है।  कर्ज के पुनर्गठन का अनुरोध पहले के अनुमान से बहुत कम रहने की संभावना है क्योंकि आर्थिक गतिविधियों मेंं अनुमान से कहीं ज्यादा तेज सुधार हुआ है।

First Published - December 28, 2020 | 9:30 PM IST

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