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बैंकों को मिले 25 हजार करोड़

Last Updated- December 08, 2022 | 12:06 AM IST

अमेरिकी मंदी की आग की तपन भारत में भी बखूबी महसूस की जा रही है।


यही वजह है कि सरकार को आगे आना पड़ा अमेरिका की ही तरह यहां के बैंकों को भी एक तरह से बेलआउट पैकेज की घोषणा करनी पड़ी। बाजार में नकदी की किल्लत न हो और मंदी के बादल न गहराएं, इसके लिए सरकार ने भारी-भरकम राशि बैंकों को देने का ऐलान किया है।

वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को 25,000 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है। उनके मुताबिक, इस राशि में से 17,500 करोड़ रुपये नाबार्ड को दिए जाएंगे, जबकि 7,500 करोड़ रुपये व्यावसायिक बैंकों को उपलब्ध कराए जाएंगे।

सरकार की ओर से यह पहली किश्त के रूप में दिए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बैंकों को यह रकम कर्जमाफी के लिए भरपाई के रूप में मुहैया कराया जाएगा। चिदंबरम ने एक बार फिर कहा कि बैंकों के पास नकदी की कोई कमी नहीं है।

उनके मुताबिक, रिजर्व बैंक की ओर से तरलता बढ़ाने के लिए हाल में जो कदम उठाए गए हैं, उससे बैंकों के पास नकदी बढ़ी है। वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों का सीएआर फिलहाल 10 फीसदी है, जिसे बढ़ाकर 12 फीसदी करने का विचार किया जा रहा है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट बॉन्ड में विदेशी संस्थागत निवेश की मौजूदा सीमा 3 अरब डॉलर से बढ़ाकर 6 अरब डॉलर कर दिया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक पूंजी उपलब्धतता के लिए कदम सुनिश्चित करें।

सरकार ने बैंकों को  25,000 करोड़ रुपये देने का किया ऐलान
17,500 करोड़ रुपये नाबार्ड को मुहैया कराए जाएंगे
7,500 करोड़ रुपये बैंकों को दिए जाएंगे
नकदी की किल्लत दूर करने के लिए उठाए कदम
कॉरपोरेट बॉन्ड में विदेशी संस्थागत निवेश की सीमा बढ़ाकर 6 अरब डॉलर किया

First Published - October 16, 2008 | 1:10 AM IST

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