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एफडी वाले ग्राहकों पर टिक गई बैंकों की बचीखुची आस

Last Updated- December 08, 2022 | 5:06 AM IST

जमाकर्ताओं से रकम इकट्ठा करने के लिए इन दिनों बैंकों का सारा जोर फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) पर लगा हुआ है।


एफडी योजनाओं के प्रचार के लिए बैंक विज्ञापनों का सहारा तो ले ही रहे हैं, रोड शो और घर घर जाकर प्रचार करने से भी नहीं चूक रहे हैं। कई बैंकों ने तो अपने कर्मचारियों से जमाकर्ताओं को रिझाने के बदले इंसेंटिव देने तक की बात कही है।

अपने तरकश से तमाम तीर चला रहे बैंकों को उम्मीद है कि हर  साल नवंबर के मुकाबले इस साल इस महीने में  एफडी में कम से कम 20 फीसदी ज्यादा रकम जमा हो जाएगी।

बैंकों ने एफडी योजनाओं के प्रचार में इस महीने अपना पूरा दम खम इसलिए भी लगा दिया है क्योंकि दिसंबर से वे ब्याज दर घटाने जा रहे हैं। फिलहाल ज्यादातर सरकारी बैंक एफडी पर करीब 10.5 फीसदी ब्याज दे रहे हैं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह दर 11 फीसदी की है। यह दर एक से तीन वर्ष के जमा के लिए है।

ब्याज दरों में इजाफा

यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एस सी गुप्ता ने बताया, ‘यह संसाधन जुटाने की बात है। हमनें यह निर्णय लिया है कि बल्क डिपॉजिट पर ब्याज दरें घटाई जाएंगी। अधिकांश बैंकों ने यह फैसला किया है कि अब वे बल्क डिपॉजिट पर 9.5 फीसदी से अधिक ब्याज नहीं देंगे।’

उन्होंने कहा कि दिसंबर में रिटेल टर्म डिपॉजिट की ब्याज दरें घटाई जाती हैं तो इस बारे में आगे जानकारी दी जाएगी। बैंकों ने रिटेल डिपॉजिट को बढ़ावा देने के लिए रैनबो नाम से एक अभियान चलाया है जिसके तहत बैंकों की विभिन्न शाखाएं रिटेल डिपॉजिट के लिए रिवॉर्ड अंक दे रही हैं।

बैंकों ने मार्च 2009 तक 5,000 करोड़ रुपये के रिटेल टर्म डिपॉजिट का लक्ष्य रखा है। पिछले महीने इलाहाबाद बैंक ने भी कुछ समय के लिए दिवाली बोनांजा योजना के तहत एक से तीन साल के फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए 10.5 फीसदी की ब्याज दर का ऑफर दिया था। हालांकि बैंक ने दरों को घटाने की बात कही है, पर यह योजना अब भी जारी है।

इलाहाबाद बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘जब हमारे प्रतिद्वंद्वी ऊंची दरों पर ब्याज दे रहे थे, तो रिटेल ग्राहकों को अपनी ओर खींचना मुश्किल था। हमने ब्याज दरों में कटौती कुछ देर से की है।’

यूको बैंक के एक अधिकारी ने बताया, ‘नवंबर में फिक्स्ड डिपॉजिट में औसत से अधिक इजाफा देखा गया है। हम अगले महीने सोचेंगे कि ब्याज दरें कब घटानी हैं।’

उठापटक से फायदा

सिंडिकेट बैंक के एक अधिकारी का कहना था, ‘लोगों को लग रहा है कि दिसंबर में ब्याज दरें घटाई जाएंगी, इसलिए वे जल्द से जल्द फिक्स्ड डिपॉजिट कराने में जुटे हैं। बाजार में उठापटक को देखकर कई लोग निजी बैंकों से रकम निकालकर सरकारी बैंकों में डाल रहे हैं। इसीलिए एफडी के आंकड़े बहुत बढ़े हैं।’

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 900 दिनों की जमा योजना पर 10.5 फीसदी का ब्याज दे रहा है और इस योजना के जरिये बैंक ने 5,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के महाप्रबंधक (पर्सनल बैंकिंग ऐंड ऑपरेशंस) एस गोविंदन ने बताया, ‘हमने हाल में यह योजना बंद की है, पर मौजूदा वित्त वर्ष में हमारा रिटेल डिपॉजिट 25 फीसदी बढ़ा है।’

First Published - November 25, 2008 | 9:20 PM IST

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