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कर्ज माफी से सहकारी बैंक भी फंसे

Last Updated- December 06, 2022 | 10:04 PM IST

सहकारी बैंको को सरकार के हालिया किसानों के ऋण माफी कार्यक्रम का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।


यह खामियाजा बैंको को नॉन-परफार्मिंग एसेट(एनपीए)के इजाफे के रूप में बैंकों को भुगतना पड़ सकता है। हालांकि  पश्चिम बंगाल के 17 जिलों में कें न्द्रीय और राज्य स्तरीय सहकारी बैंको ने 956करोड़ रूपये के  लोन बांट रखे हैं जो लोन वेवर स्कीम के तहत नहीं आते हैं।


लिहाजा,इस संदर्भ में राज्य सहकारी बैंक बोर्ड(पश्चिम बंगाल)के चेयरमैन समीर घोष का मानना है कि हम लोन की रिकवरी रेट 78 फीसदी मान रहे थे,लेकिन यह 56 फीसदी पर हो जाने के आसार हैं,क्योंकि किसानों द्वारा ऐसा किए जाने की मांग की जा रही है। ज्यादातर राज्यों के सहकारी बैंको का नेट एनपीए 10 फीसदी से ज्यादा है।

First Published - May 8, 2008 | 10:42 PM IST

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