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कर्ज मुद्रीकरण से निवेशकों का भरोसा घटेगा

Last Updated- December 15, 2022 | 1:57 AM IST

भारत सहित उभरते बाजारों में केंद्रीय बैंकों द्वारा सॉवरिन बॉन्डों की खरीद को कोविड के दौर की आपातकालीन कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। बहरहाल स्टैंडर्ड ऐंड पूअर्स (एसऐंडपी) ने चेताया है कि अगर भारतीय रिजर्व बैंक सहित विभिन्न देशों के बैंकिंग नियामक कर्ज का मुद्रीकरण करते हैं तो इससे निवेशकों का भरोसा कम हो सकता है।  एजेंसी ने कहा कि उभरते बाजारों के केंद्रीय बैंकों द्वारा सॉवरिन बॉन्ड की खरीद से बाजार में डर नहीं है क्योंकि निवेशक मान रहे हैं कि यह कोविड के दौर की आपातकालीन कार्रवाई है। एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग के क्रेडिट एनलिस्ट एंड्यू वुड ने कहा, ‘बॉन्ड खरीदने का कार्यक्रम भविष्य के किसी संकट में प्रतिक्रिया देने के मामले में उभरते बाजारों के केंद्रीय बैंकों की क्षमता को कम कर सकता है।’
इस साल कोविड-19 की वजह से पैदा हुए आर्थिक संकट से निपटने के लिए भारत और फिलीपींस के बैंकिंग नियामक  एक साथ 24 अरब डॉलर के सरकारी बॉन्डों की खरीद की है। बैंक इंडोनेशिया ने भी जुलाई में बॉन्डों की खरीद शुरू कर दी है।

First Published - September 15, 2020 | 12:19 AM IST

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