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प्रतिफल में गिरावट से मजबूत होगा डेट म्युचुअल फंड का रिटर्न

Last Updated- December 11, 2022 | 9:19 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंंक ने अपनी मौद्रिक नीति में ब्याज दरें अपरिवर्तित रखी जबकि फंड मैनेजर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे थे। म्युचुअल फंड उद्योग के अधिकारियोंं ने कहा कि आरबीआई की तरफ से यथास्थिति के कारण बॉन्ड प्रतिफल घटने की संभावना है, जो डेट फंडों के रिटर्न में सुधार लाएगा।
आज की यथास्थिति ज्यादातर वैश्विक केंद्रीय बैंकों से आरबीआई को अलग करता है, जो न सिर्फ नकदी को सामान्य बना रहे हैं बल्कि महंगाई को थामने के लिए ब्याज दरें भी बढ़ा रहे हैं। जहां ज्यादातर केंद्रीय बैंकों ने महंगाई को थामने के लिए अपने कदम बढ़ाए, वहीं आरबीआई महंगाई की साइक्लिकल प्रकृति का धैर्य के साथ इंतजार कर रहा है।
एडलवाइस एमएफ के सीआईओ (फिक्स्ड इनकम) धवल दलाल ने कहा, नीतियों को सामान्य बनाने का पहला कदम उठाने के बॉन्ड बाजार के प्रतिभागियों की उम्मीद को धता बताते हुए आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने बाजार के प्रतिभागियों को चौंकाया और आमसहमति से सभी नीतिगत दरों केमामले में यथास्थिति बनाए रखने के पक्ष में मतदान किया। इसका शायद यह मतलब निकलता है कि अल्पावधि में दरें नहीं बढ़ेंगी।
फंड मैनेजरों को लगता है कि सरकारी प्रतिभूतियों का प्रतिफल आगामी दिनों में नीचे आएगा। पिछले कुछ दिनों में सरकारी प्रतिभूतियों का प्रतिफल तेजी से बढ़ा है क्योंकि सरकार ने राजकोषीय घाटे का लक्ष्य और उधारी लक्ष्य अगले वित्त वर्ष के लिए बढ़ा दिया है।
गुरुवार को 10 वर्षीय सरकारी प्रतिभूतियों का प्रतिफल 6.73 फीसदी पर बंद हुआ, जो बुधवार को 6.81 फीसदी रहा था।

First Published - February 10, 2022 | 11:23 PM IST

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