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बैंकिंग तंत्र में कम हुई नकदी की उपलब्धता

Last Updated- December 12, 2022 | 10:37 AM IST

हाल के कुछ हफ्तों में बैंकिंग प्रणाली में नकदी की उपलब्धता में पहले के मुकाबले काफी कमी आई है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि अग्रिम कर भुगतान मद में रकम निकलने से नकदी का स्तर कम हुआ है। उनका कहना है कि ऐसा नहीं है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आबीआई) ने अचानक बैंकिंग प्रणाली से नकदी कम करने के उपाय शुरू कर दिए हैं। हालांकि ऐसा हो सकता है कि बैंकिंग नियामक ने बॉन्ड बाजार को बिना बताए बैंकिंग तंत्र से नकदी कम करने की कवायद धीरे-धीरे शुरू कर दी है।
सोमवार तक बैंकिंग प्रणाली में 4.95 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त नकदी थी और एक सप्ताह पहले अग्रिम कर की तीसरी किस्त भरने की अंतिम समय सीमा समाप्त होने के समय यह आंकड़ा 6.13 लाख करोड़ रुपये था। दोनों मामलों में बैंकिंग प्रणाली में कुल 8.22 लाख करोड़ रुपये नकदी मौजूद थी। कुल नकदी में बैंकिंग प्रणाली में उपलब्ध रकम और आबीआई के पास सरकार की जमा रकम दोनों शामिल होती हैं।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) में चर्चा के दौरान भी बैंकिंग प्रणाली में अतिरिक्त नकदी पर बात हुई थी। एमपीसी की बैठक से निकलकर आई बारीक बातों के अनुसार इस पहलू पर भी गौर किया गया कि भारी मात्रा में नकदी रहने से आने वाले दिनों में महंगाई किस तरह ऊंचे स्तर पर बनी रह सकती है। एमपीसी ने इस पर भी गौर किया कि कम ब्याज दरों से किस तरह केवल कुछ खास कंपनियों को ही लाभ पहुंच सकता है।
हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास फिलहाल नकदी खींचने के खिलाफ थे। एमपीसी में हुई चर्चा के दौरान दास ने कहा, ‘फिलहाल बैंकिंग प्रणाली से नकदी खींचने का समय नहीं आया है। इस समय अगर नकदी कम की गई तो अर्थव्यवस्था में थोड़ी बहुत जो तेजी दिख रही है वह थम जाएगी।’ हालांकि  ताजा आंकड़े इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि चुपके-चुपके नकदी समेटने की कोशिश दरअसल शुरू हो चुकी है, लेकिन इस बात भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है कि इससे किसी तरह की दिक्कत पेश नहीं आए।  
हालांकि  किसी न किसी रूप में अधिशेष नकदी बरकरार ही है। ऐसा लगता है कि रकम बैंकिंग प्रणाली से अग्रिम कर के रूप में सरकार के पास जा रही है। दूसरी तरफ सरकार आरबीआई के जमा रकम बढ़ाती जा रही है। हालांकि सरकार ने कितनी रकम जमा कराई है आरबीआई इसे लेकर कोई पुख्ता आंकड़ा नहीं दे रहा है। ऐसे में बाजार में तत्काल यह पता नहीं चल पाया है कि कुछ मात्रा में नकदी स्थायी रूप से बाजार से निकाल ली गई है। आईसीआईसीआई बैंक में समूह कार्यकारी एवं वैश्विक बाजार प्रमुख बी प्रसन्ना ने कहा, ‘बाजार में अधिक समय तक रहने वाली शुद्ध नकदी 8 लाख करोड़ रुपये के साथ ऊंचे स्तर पर है। हालांकि अग्रिम कर भुगतान के कारण अस्थायी रूप में बैंकिंग प्रणाली में नकदी जरूर कम हुई है। सरकार जैसे ही व्यय करना शुरू कर देगी इसकी भरपाई स्वयं हो जाएगी।’ उन्होंने कहा कि नकदी में आई कमी इस बात का संकेत है कि सरकार के पास यह जमा हो रही है।
डीबीएस बैंक में ट्रेजरी प्रमुख आशिष वैद्य ने भी कहा कि अग्रिम कर भुगतान के कराण नकदी का स्तर कम हुआ है। उन्होंने कहा कि बड़ी मात्रा में नकदी कम होने के पर्याप्त संकेत अभी नहीं मिले हैं। हालांकि आरबीआई के कामकाज से वाकिफ एक सूत्र ने कहा कि बैंकिंग नियामक ने बिना कोई संकेत दिए धीरे-धीरे नकदी खींचनी शुरू कर दी है।

First Published - December 23, 2020 | 11:26 PM IST

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