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भारत के CCP संग कारोबार कर सकेंगे यूरोपीय बैंक, मगर भरना पड़ सकता है जुर्माना

Last Updated- March 19, 2023 | 11:14 PM IST
भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के बदलते आयाम, Banking Credit: Changing Dimensions of the Indian Banking Sector

यूरोपीय संघ के वित्तीय बाजार नियामक यूरोपियन सिक्योरिटीज ऐंड मार्केट अथॉरिटी (ESMA) अपने बैंकों को भारत के सेंट्रल क्लियरिंग कॉरपोरेशन (CCP) के साथ 30 अप्रैल के बाद भी कारोबार जारी रखने की इजाजत दे दी है। मगर यूरोपीय नियामक ने ऐसा करने पर जुर्माना लगाने की बात भी कही है।

इस बारे में जानकारी के लिए बिज़नेस स्टैंडर्ड द्वारा भेजे गए ईमेल के जवाब में ESMA के प्रवक्ता ने कहा, ‘यह निर्णय 30 अप्रैल से लागू होगा। ESMA की मान्यता के बगैर काम कर रहे भारतीय CCP के साथ कारोबार करने पर जुर्माना लगाया जाएगा।’ मगर प्रवक्ता ने यह स्पष्ट नहीं किया कि भारतीय CCP के साथ कारोबार करने वाले यूरोपीय वित्तीय संस्थानों पर कितना और किस तरह का जुर्माना लगाया जाएगा।

17 फरवरी को जर्मनी और फ्रांस के वित्तीय नियामकों ने अलग-अलग बयान जारी कर अपने वित्तीय संस्थानों को 18 महीने की मोहलत दी है यानी भारतीय CCP के साथ अपनी सदस्यता हटाने और अपनी पोजिशन अधिकृत क्लियरिंग सदस्य को सौंपने के लिए 31 अक्टूर, 2024 तक का समय दिया है।

जर्मनी और फ्रांस के नियामकों के बयान के बाद ESMA ने भी उसी दिन बयान जारी कर कहा कि यूरोपीय बाजार के भागीदारों पर व्यापक प्रभाव पड़ने की आशंका और जर्मनी एवं फ्रांस के नियामक के रुख को ध्यान में रखते हुए फिलहाल प्रवर्तन कार्रवाई नहीं की जाएगी।

ESMA के प्रवक्ता ने कहा, ‘ESMA ने जर्मनी और फ्रांस के वित्तीय नियामकों के बयान के जवाब में 17 फरवरी को बयान जारी किया है कि समययीमा 30 अप्रैल से आगे नहीं बढ़ाई जाएगी।’

उन्होंने कहा, ‘ESMA, जर्मनी तथा फ्रांस के नियामकों के बयान बताते हैं कि भारत के CCP के साथ कारोबार करने वाले यूरोपीय संघ के बैंकों के ​खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी। इसमें समयसीमा बढ़ाने या टालने की बात नहीं है।’

प्रवक्ता ने आगे कहा, ‘ESMA के पर्यवेक्षण बोर्ड ने 31 अक्टूबर, 2022 को भारत के 6 CCP की मान्यता वापस लेने का निर्णय किया था, जो 30 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होगा। इसका मतलब यह हुआ कि निर्णय बरकरार है।’

भारतीय रिजर्व बैंक ने जब विदेशी निकायों को भारत की वित्तीय बुनियादी ढांचा इकाइयों जैसे कि क्लियरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के ऑडिट और जांच की अनुमति देने से इनकार किया तो ESMA ने CCP की मान्यता वापस लेने का निर्णय किया था। क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया सरकारी बॉन्डों और ओवरनाइट इंडेक्स स्वैप दर के लिए ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की सुविधा प्रदान करता है।

ESMA द्वारा प्रवर्तन कार्रवाई पर जोर नहीं दिए जाने से एचएसबीसी, बीएनपी पारिबा, क्रेडिट सुइस, डॉयचे बैंक और सोसियते जेनेराली जैसे यूरोपीय संघ के बैंकों को राहत मिलेगी। ये बैंक भारत में सक्रिय हैं और स्थानीय मुद्रा, जिंस और शेयर बाजार में कारोबार करते हैं।

रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने पिछले साल नवंबर में कहा था कि यूरोपीय नियामक द्वारा भारतीय CCP की मान्यता रद्द करना दुर्भाग्यपूर्ण हस्तक्षेप है क्योंकि ये भारतीय इकाइयां सर्वश्रेष्ठ वैश्विक मानकों पर खरी उतरती हैं। उन्होंने कहा था, ‘इससे विदेशी मुद्रा बाजार में बाधा आ सकती है, जो गंभीर हो सकती है।’

आरबीआई गवर्नर श​क्तिकांत दास ने भी पिछले साल दिसंबर में कहा था कि विदेशी नियामकों के लिए जरूरी है कि वह भारत के नियमों की विश्वसनीयता की सराहना करें। उन्होंने कहा था, ‘हम सभी अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करते हैं। हमारा बाजार ढांचा बेहद उन्नत है। उन्हें निश्चित तौर पर भारतीय नियमन की विश्वसनीयता और मजबूती पर भरोसा करना चाहिए।’

First Published - March 19, 2023 | 11:14 PM IST

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