गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का क्षेत्र उपभोग के साथ मजबूती से जुड़ा हुआ है और वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही के लिए उम्मीदें काफी आशावान लग रही हैं। तीसरी लहर की शुरुआत के बावजूद धन अदायगी की रफ्तार मजबूत रही। सभी खंडों की वृद्धि दर में खासा अंतर रहेगा। क्रमिक रूप में वाहन वित्त और विशेष रूप से किफायती खंड के आवासीय ऋण में तीसरी तिमाही की बेहतर बिक्री के मद्देनजर अच्छा प्रदर्शन होगा। धन जुटाने की दक्षता में सुधार की संभावना है। चूक के नए मामलों में गिरावट आनी चाहिए।
लेकिन सूक्ष्म वित्त संस्थान (एमएफआई) अब भी कमजोर हैं तथा अधिक बट्टेखातों को देखते हुए एमएफआई उधारदाताओं के लिए ऋण लागत अधिक बनी रहेगी। थोक ऋणदाता भी सतर्क हैं, खास तौर पर रियल एस्टेट क्षेत्र का धन देने में। रियल एस्टेट डेवलपर्स को दिया जाने वाला ऋण, जिन्हें पहले से ही दबावग्रस्त के रूप में माना गया था, तीसरी तिमाही में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) बन सकते हैं।
आवास क्षेत्र में खुदरा ऋण अदायगी मजबूत लग रही थी। तीसरी तिमाही में संपत्ति पंजीकरण में सूधार नजर आया है। वहन करने की अधिक क्षमता और कम ब्याज दरें प्रमुख संचालक बने हुए हैं। हालांकि एसएमई और कॉरपोरेट खंड में मांग सुस्त है और बैंकों की ओर से जोरदार प्रतिस्पर्धा की वजह से ऋण बाजार अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बना हुआ है। किफायती आवासीय फाइनैंसरों द्वारा सालाना आधार पर दमदार वृद्धि की की संभावना है।
वाहन वित्त बाजार में वृद्धि धीमी, लेकिन स्थिर रहने की संभावना है। आपूर्ति शृंखला की दिक्कतों, विशेष रूप से चिप की कमी के कारण वाहन उद्योग अब भी क्षमता से कम स्तर चल रहा है। बिक्री अब भी कोविड से पहले के स्तर से काफी नीचे है। लेकिन त्योहारी सीजन से वॉल्यूम को उछाल मिली और वित्त वर्ष 2023 में मांग में सुधार की वजह से मजबूत वॉल्यूम होने की उम्मीद है।