संकटग्रस्त आवास वित्त कंपनी डीएचएफएल के ऋण समाधान के लिए पीरामल समूह पसंदीदा बोलीदाता के रूप में उभरकर सामने आया है। हालांकि डीएचएफएल को अपने समूह में लेने की इसकी मंशा में वक्त लग सकता है, क्योंकि इस प्रक्रिया को बोली लगाने वाले ओकट्री से कानूनी चुनौती मिलने की आशंका है। इसके अलावा डीएचएफएल के जमाकर्ता अपने ब्याज केसंरक्षण के लिए अदालत जा सकते हैं और ऋणदाता इस हाउसिंग फाइनैंस कंपनी की कथित धोखाधड़ी की वसूली में बेहतर हिस्सेदारी पर जोर देंगे।
कंपनी ने रविवार को एक्सचेंज से कहा कि उसके लेनदारों की समिति की बैठक 15 जनवरी, 2021 को संपन्न हुई। पिरामल कैपिटल ऐंड हाउसिंग फाइनैंस द्वारा प्रस्तुत समाधान को बहुमत से सफल समाधान योजना के रूप में विधिवत स्वीकृत किया गया था। जहां एक ओर पिरामल की पेशकश को 94 फीसदी मत मिले हैं, वहीं दूसरी ओर अमेरिका स्थित ओकट्री कैपिटल की योजना को लेनदारों की समिति से केवल 45 फीसदी मत मिले हैं।
दो वरिष्ठ बैंकरों ने कहा कि डीएचएफएल में हुई धोखाधड़ी से वसूला जाने वाला पैसा किसे मिलेगा इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सीओसी द्वारा सोमवार को एक और बैठक करने की संभावना है। इस मसले के संबंध में समाधान योजना पर आगे और स्पष्टता के लिए ऋणदाताओं को बोलीदाता के रूप में जोडऩे की आवश्यकता होगी। बैंकरों ने कहा कि ऋणदाता धोखाधड़ी से वसूले गए धन में अधिक हिस्सेदारी चाहेंगे, क्योंकि डीएचएफएल को कोरोबार परिचालन के लिए धन उधार दिया गया था।