facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

एनबीएफसी के लिए फंड अभी भी महंगे

Last Updated- December 10, 2022 | 12:30 AM IST

लंबे समय से फंडों की कमी का रोना रो रहे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) अब इस  सप्ताह से व्यावसायिक पत्रों (सीपी) और अपरिवर्तनीय डिबेंवर्स (एनसीडी) से संसाधन जुटाना शुरू कर सकती हैं।
हालांकि इसके बाद भी एनबीएफसी के लिए फंडों की लागत सस्ती नहीं होने जा रही है। एनबीएफसी को कर्ज उपलब्ध कराने के लिए विशेष सुविधा से जुड़े सूत्र का कहना है कि फंडों की लागत में करीब 14.5 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
इधर रिजर्व बैंक जहां 9.5 फीसदी का ब्याज वसूलेगा जो मौजूदा रेपो दर से 4 फीसदी अधिक होगी जबकि सरकारी गारंटी फीस के रूप में भी 1.5 फीसदी अतरिक्त खर्च और जुटेगा। 

इसके अलावा आईडीबीआई के स्ट्रेस्ड ऐसेटस्टेबलाइजेशन फंड(एसएएसएफ), जिसे इस योजना का कार्यान्वयन करने के लिए अधिकृत किया गया है, वह भी अपने प्रबंधन और प्रशासनिक खर्च की भरपाई के लिए कम से कम 3.5 फीसदी का शुल्क वसूलेगी।
श्रेयी इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस ऐंड श्रीराम ट्रांसपोर्ट ने इस सुवीधा का लाभ उठाने के लिए पहल की है लेकिन साथ ही इस बात की ओर भी इशारा किया है कि अगर खर्च ज्यादा हुआ तो फिर वह इस तरीके से संसाधन जुटाने से परहेज कर सकती है।
इस बाबत श्रेयी इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हेमंत कनोरिया ने कहा कि अगर ब्याज की दर 14-15 फीसदी के बीच होती है तो फिर इससे हमें कोई फायदा नहीं मिलेगा।
कनोरिया ने कहा कि हमें करीब 2,000-3,000 करोड रुपये की जरूरत है लेकिन हम उसी स्थिति में इस तरीके का इस्तेमाल करेंगे जब ब्याज दरें कम हो।
इधर इस नए तरीके से संसाधन जुटाने के बारे में श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनैंस के प्रबंध निदेशक आर श्रीधर ने कहा कि चूंकि फंड अल्प अवधि के लिए है, ब्याज दरों के ऊंची रहने के बावजूद भी एनबीएफसी संसाधन जुटाने के लिए इस तरीके का इस्तमाल करेंगी क्योंकि उन्हें अपने कारोबार में संतुलन लाने के लिए पैसों की सख्त जरूरत है।
हालांकि इस योजना को पूर्ण रूप से तैयार किया जा चुका है लेकिन अभी भी सरकार की तरफ से गारंटी नहीं मिलने के कारण इस योजना के कार्यान्वयन में कुछ परेशानियां आ रही है। 

सरकार और रिजर्व बैंक द्वारा तैयार की गई इस योजना के अनुसार एसएएसएफ एनबीएफसी द्वारा जारी किए गए व्यावसायिक पत्र और अपरिवर्तनीय डिबेंचर को ही खरीदेगी।
इस तरीके से उपलब्ध कराए गए फंड का इस्तेमाल एनबीएफसी अपनी परिसंपत्ति-कर्ज में संतुलन लाने में  करेगी और करोबार विकास के लिए इस संसाधन का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

First Published - February 9, 2009 | 8:49 PM IST

संबंधित पोस्ट