भारतीय बैंक ग्लोबल इन्वेस्टर्स को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। S&P ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस ने कहा कि बेहतर रिटर्न की तलाश कर रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स को भारत के बैंक आकर्षित करना जारी रखेंगे क्योंकि वे क्रेडिट ग्रोथ, मार्जिन में सुधार और स्थिर एसेट क्वालिटी को ज्यादा तवज्जो देते हैं और इन सब में भारत के बैंकों का परफॉर्मेंस अव्वल है।
S&P की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय बैंकों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की हिस्सेदारी की कुल मार्केट वैल्यू 30 जून को बढ़कर 8.36 लाख करोड़ रुपये हो गई है, जो एक साल पहले 7.71 लाख करोड़ रुपये थी। जून 2020 में 6.734 लाख करोड़ रुपये की होल्डिंग्स दर्ज की गई थी।
अगर वैल्यू के हिसाब से देखा जाए तो विदेशी संस्थागत निवेशकों का 93.5 फीसदी हिस्सा भारत के सबसे बड़े प्राइवेट बैंकों के पास है। FII को आकर्षित करने वाले टॉप बैंक में ICICI Bank, HDFC Bank और कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) शामिल हैं।
भारतीय प्राइवेट बैंकों में FIIs की हिस्सेदारी की मार्केट वैल्यू जून में बढ़कर 7.82 लाख करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले 7.29 लाख करोड़ रुपये थी। जून 2020 तक यह वैल्यू 6.373 लाख करोड़ रुपये थी।
वहीं, दूसरी ओर, भारत के सरकारी बैंकों में FIIs की हिस्सेदारी की मार्केट वैल्यू जून में 541 अरब रुपये थी, जो एक साल पहले 422 अरब रुपये थी।
मार्केट वैल्यू के हिसाब से भारतीय बैंकों की विदेशी निवेशकों की लिस्ट में अमेरिका स्थित कैपिटल रिसर्च एंड मैनेजमेंट कंपनी (Capital Research and Management Co ) टॉप पर है, इसके बाद ब्लैकरॉक इंक (BlackRock Inc.) और सिंगापुर की जीआईसी प्राइवेट लिमिटेड (GIC Private Ltd.) हैं।