पिछले कुछ वर्षों में कई बार आउटेज का सामना करने के बाद देश का सबसे बड़े निजी ऋणदाता एचडीएफसी बैंक अपने तकनीकी बुनियादी ढांचे को दुरस्त करने में जुट गया है। उल्लेखनीय है कि आउटेज के कारण उसे बैंक नियामक आरबीआई की नाराजगी झेलनी पड़ी है। तकनीकी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए बैंक बड़े पैमाने पर निवेश करने जा रहा है जिसमें बेहतर उत्पादों और सेवाओं के लिए नए कौशल को अपने साथ जोडऩा, क्लाउड-नेटिव स्टैक को शामिल करना, परंपरागत अखंड आईटी बुनियादी ढांचे से दूरी बनाना और रणनीतिक साझेदारों के साथ काम करना शामिल है।
बैंक प्रबंधन इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट है कि तकनीकी बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए वह जरूरी हरेक कदम उठाएगा। आईटी खर्च के आधार पर मानदंड में लगातार परिवर्तन हो रहा है और बैंक इस बात से अवगत है कि उसके मानदंडों में से कुछ वैश्विक हो जाएंगे।
एचडीएफसी बैंक के मुख्य सूचना अधिकारी रमेश लक्ष्मीनारायणन ने कहा, ‘हमें लागत बढऩे को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये निवेश हैं और जिस प्रकार से हम इसे देख रहे हैं इन निवेशों से कारोबार की मात्रा और पैमाने में वृद्घि होगी। हम इन निवेशों को लेकर बहुत अधिक केंद्रित हैं।’
प्रबंधन ने कहा कि वह मौजूदा बैंक का आधुनिकीकरण कर रहा है और उसने ‘उद्यम फैक्टरी’ के नाम से बैंक के भीतर एक खंड का निर्माण किया है। उन्होंने डिजिटल फैक्टरी के नाम से एक और खंड बनाया है जिसमें बहुत ही सक्षम संसाधनों को रखा गया है जिसका ध्यान बैंक के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म को तैयार करने पर है।
लक्ष्मीनारायणन ने कहा, ‘पूरी संकल्पना यह है कि हम कुछ नई संपत्तियों को जोडऩे जा रहे हैं जैसे कि नया भुगतान एप्लीकेशन, नए जमाने का क्रेडिट कार्ड स्टैक। हमारे साथ बाहर से आकर कुछ ऐसे लोग जुड़े हैं जिन्होंने क्लाउड आधारित तकनीक तैयार किया है और हमारे कुछ लोग डिजिटल फैक्टरी में जा जा रहे हैं।’
लौटाया जाएगा वाहन उपकरण कमीशन
एचडीएफसी बैंक ने कहा कि वह ऐसे वाहन ऋण ग्राहकों को कमीशन वापस करेगा जिन्होंने वित्त वर्ष 2014 से वित्त वर्ष 2020 की अवधि में वाहन ऋण फंडिंग के हिस्से के तौर बंडल वाले जीपीएस उपकरण लिए थे। इस मामले से अवगत सूत्रों ने कहा कि रिफंड की रकम 40 करोड़ रुपये के आसपास है। बैंक ने कहा कि रिफंड का पैसा बैंक के पास पंजीकृत ग्राहक के पुनर्भुगतान खाते में भेजा जाएगा। बैंक ने कहा, ‘ग्राहकों से अनुरोध है कि अगले 30 दिनों के भीतर वे अपने पंजीकृत ई-मेल आईडी से संपर्क करें या नंबरों पर कॉल करें।’ बीएस