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अन्य बैंकों का सस्ता ऋण एचडीएफसी पर पड़ा भारी

Last Updated- December 11, 2022 | 5:30 PM IST

निजी क्षेत्र के देश के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक ने मई में ब्याज दरें बढ़ाने के बाद प्रतिस्पर्धा में 50,000 करोड़ रुपये थोक ऋण गंवाया है।
एक एनॉलिस्ट कॉल में एचडीएफसी बैंक के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) श्रीनिवासन वैद्यनाथन ने कहा, ‘थोक सेग्मेंट में दरों में बदलाव के बाद हमें 40,000 करोड़ रुपये से 50,000 करोड़ रुपये तक संपत्ति गंवानी पड़ी है। इसके बावजूद अप्रैल जून के दौरान पिछले साल की समान अवधि की तुलना में बुक में 15.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।’
बैंक की पहली तिमाही की कमाई के परिणाम के बाद विश्लेषकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘मई में किसी वक्त दर में बदलाव  हुआ था। उसके तत्काल बाद हमारे बैंक ने अपनी दरें बढ़ानी शुरू कर दी। हमने जैसे ही दरें बढ़ाईं, कुछ ग्राहकों को कम दरों पर अन्य बाजार हिस्सेदारों की ओर से पेशकश मिली। लेकिन हमने अपनी दरें कम नहीं करने का फैसला किया। हम दरों के हिसाब से अपना हिस्सा बढ़ाने की कोशिश नहीं करते।’
अर्थव्यवस्था में ऋण वृद्धि तेजी पकड़ती नजर आ रही है। आर्थिक गतिविधियों में पिछले कुछ महीनों के दौरान सुधार के बाद तेजी आई है। भारतीय रिजर्व बैंक के हाल के आंकड़ों के मुताबिक 1 जुलाई, 2022 को समाप्त पखवाड़े में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में गैर खाद्य कर्ज 13.8 प्रतिशत बढ़ा है। साथ ही क्षेत्रवार आवंटन के आंकड़ों से पता चलता है कि उद्योग, जिसकी गैर खाद्य उद्योग के कुल कर्ज में हिस्सेदारी 28.4 प्रतिशत है,  पिछले साल की तुलना में 8.7 प्रतिशत ज्यादा है।
उद्योगों में कर्ज की मांग ज्यादा है क्योंकि क्षमता का उपयोग बढ़ रहा है। साथ ही ब्याज दरों की गति में बददाव के साथ पूंजी बाजार का एक हिस्सा बैंकों की ओर गया है और इस अवसर का फायदा उठाने के लिए कर्जदाताओं में प्रतिस्पर्धा है। मार्च तिमाही में एचडीएफसी बैंक की संपत्ति मिक्स थोक क्षेत्र की ओर बहुत ज्यादा केंद्रित था। महामारी के पहले खुदरा और गैर खुदरा की हिस्सेदारी 55 और 45 के अनुपात में थी, वहीं 31 मार्च 2022 को बैंक की खुदरा कर्ज की हिस्सेदारी कम होकर 39 प्रतिशत रह गई। जून तिमाही के अंत में खुदरा कर्ज की हिस्सेदारी 39 प्रतिशत बनी रही, जबकि कॉर्पोरेट और कमर्शियल और ग्रामीण बैंकिंग की हिस्सेदारी 26 और 35 प्रतिशत रही है।
एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक का विलय
इस माह की शुरुआत में एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय को कुछ शर्तों के साथ रिजर्व बैंक का अनापत्ति प्रमाणपत्र मिला था। इसे भारत के कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ा लेन-देन माना जा रहा है। केंद्रीय बैंक की शर्तों के बारे में पूछे जाने पर वैद्यनाथन ने कहा, ‘रिजर्व बैंक का अनापत्ति प्रमाण पत्र हमारे आवेदन पर था। जब विलय होगा, बैंकिंग नियमन अधिनियम बैंक के सभी पोर्टफोलियो और कारोबार पर लागू होगा। कुछ इकाइयां हैं, जिनका विलय होना है और उन इकाइयों का लाइसेंस वापस किया जाएगा और इसके बारे में रिजर्व बैंक को सूचित किया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि हम अन्य प्राधिकारियों व शेयरधारकों से भी इसके सिलसिले में मंजूरी लेंगे और इसके बारे में नियामक को सूचित करेंगे।

शाखाओं का विस्तार
अगले 3 साल तक बैंक हर साल 1,500 से 2,000 नई शाखाएं जोड़ेगा, जिससे उसका वितरण नेटवर्क दोगुना हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पहली तिमाही में बहुत कम, करीब 36 शाखाएं खोली गईं, लेकरिन हम 250 नई शाखाएं जोड़ेंगे।

First Published - July 18, 2022 | 1:27 AM IST

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